बांके बिहारी मंदिर का 160 साल पुराना 'खजाना' खुला, धनतेरस पर 54 साल बाद खुले विशेष कपाट

Banke Bihari Mandir Latest News: बांके बिहारी मंदिर के गर्भगृह के नजदीक बने विशेष दरवाजों को धनतेरस के त्योहार के दिन खोला गया. 54 साल बाद इन दरवाजों को खोला गया है, जहां सोने-चांदी और जेवरातों से भरे कलश होने की बात है.

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Banke Bihari Mandir
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  • बांके बिहारी मंदिर का 160 साल पुराना खजाना 54 साल बाद धनतेरस के दिन खोला गया है
  • खजाना मंदिर के गर्भगृह के नीचे बने तहखाने में सोने-चांदी के कलश और सिक्कों से भरा पाया गया है
  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के आदेश के बाद 18 सितंबर को खजाना खोलने की तैयारी शुरू हुई थी
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Banke Bihari Mandir News Hindi: बांके बिहारी मंदिर का 160 साल पुराना खजाना खोला गया है. शनिवार को 54 साल बाद कपाट खोले गए हैं. इसमें सोने-चांदी के सिक्कों से भरे कलश होने का दावा लंबे समय से किया जाता रहा है. धनतेरस के दिन 54 साल बाद बांके बिहारी का खजाना खोला गया है. सुप्रीम कोर्ट गठित हाई पावर्ड कमेटी ने खजाना खोलने के लिए 18 सितंबर को समिति बनाई थी. प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा नामित चार गोस्वामी की मौजूदगी में उस विशेष कपाट को खोला गया. मंदिर के गर्भ गृह के नीचे खजाना मौजूद होने की बात कही गई है. खजाने के आसपास दो छोटे सांप मिले हैं. 

इससे पहले 1971 में भगवान बांके बिहारी का खजाना खुला था. बांके बिहारी मंदिर कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने कहा कि अभी गर्भ गृह के नीचे दरवाजा खोला गया है. बांके बिहारी मंदिर कमेटी के सदस्य दिनेश गोस्वामी ने कहा, 54 साल बाद बांके बिहारी मंदिर का खजाना खोला गया था. 1 बजे से प्रारंभ हुआ काम 5 बजे तक चला. तोशाखाना यानी खजाने को कड़ी सुरक्षा के बीच खोला गया लेकिन अभी तक कुछ भी कीमती सामान नहीं मिला. इसमें कुछ पीतल और लकड़ी का सामान और छोटे सांप मिले हैं.

तहखाना खोले जाने का बांके बिहारी मंदिर के सेवायतों ने विरोध किया. इनका कहना था कि इस पूरी कार्यवाही का सजीव प्रसारण होना चाहिए ताकि सब देख सकें. तहखाना खोले वाले भगवान के सामान को जेब में रख कर ले जा सकते हैं. हाई पावर कमेटी के सदस्य शैलेंद्र गोस्वामी ने कहा कि तहखाना में कुछ बर्तन निकले हैं जिसमें एक रजत यानी चांदी का पत्र भी मिला है. दिवाली दोबारा अभियान शुरू होगा.

मंदिर में सोने-चांदी के आभूषण, सोने के कलश और चांदी के सिक्के रखे होने का दावा है. गर्भगृह के करीब इस दरवाजे को खोलने की लंबे समय से मांग हो रही थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त समिति को जिम्मेदारी दी गई. खजाने की खोज के लिए टीम भीतर मास्क लगाकर और सुरक्षा उपकरणों के साथ गई है. खजाने वाला कमरा लंबे समय से खोला नहीं गया है. लिहाजा उसमें बिच्छू सांप जैसे जैसे जीव जंतु हो सकते हैं.

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सोने-चांदी और हीरे जेवरात होने का दावा
कमरे में सोने-चांदी और हीरे जेवरात समेत तमाम मूल्यवान वस्तुएं हो सकती हैं. इसे बांके बिहारी उच्च अधिकार प्राप्त प्रबंधन समिति के आदेश के बाद खोला जा रहा है. इसके लिए एक समिति में मंदिर प्रबंधन के अलावा सिविल जज, ऑडिटर और पुलिस अधिकारी शामिल हैं. बांके बिहारी का खजाना खोलने का फैसला 29 सितंबर को किया गया था. मथुरा के डीएम चंद्र प्रकाश सिंह और ने समिति के सचिव ने 17 अक्टूबर को खजाना खोलने का आदेश जारी किया था.

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बांके बिहारी मंदिर का खजाना तोशखाना में
दावा किया गया है कि बांके बिहारी मंदिर का खजाना तोशखाना में रखा गया है. ये तोशखाना बांके बिहारी मंदिर के सिंहासन के नीचे है. इतिहासकारों का कहना है कि 1864 में वैष्णव परंपरा के मुताबिक इस मंदिर का निर्माण भी बनवाया गया था. गर्भगृह बांके बिहारी के सिंहासन के ठीक नीचे तहखाने में तोशखाना का निर्माण कराया गया था. दावा किया जाता है कि जब पिछली बार खजाना खोला गया था, तब कई मुखों वाले चांदी के शेषनाग दिखे थे. सोने के कलश और नवरत्न भी थे.

इनपुट -सौरभ गौतम

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