Bank Fraud Case: पहली छमाही में बैंक धोखाधड़ी के मामले बढ़े, शामिल राशि घटी- RBI

Fraud cases in Banking Sector: चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 2,642 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी के कुल 14,483 मामले सामने आए. एक साल पहले की समान अवधि में धोखाधड़ी के 5,396 मामले सामने आए थे जिनमें 17,685 करोड़ रुपये शामिल थे.

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Bank Frauds Cases in India: वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने धोखाधड़ी के कुल मामलों के छह साल के निचले स्तर पर आ गई.
नई दिल्ली:

Bank Frauds in India: चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक धोखाधड़ी के मामलों की संख्या बढ़कर 14,483 हो गई लेकिन इनमें शामिल राशि पिछले साल की तुलना में सिर्फ 14.9 प्रतिशत रही है. रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. 'भारत में बैंक की प्रवृत्ति और प्रगति 2022-23' पर बुधवार को जारी रिपोर्ट में बैंकिंग प्रणाली और भुगतान प्रणाली को साइबर खतरों से पैदा होने वाली धोखाधड़ी और आंकड़ों में सेंध के जोखिमों से बचाने की जरूरत पर जोर दिया गया है.

अप्रैल-सितंबर में बैंक धोखाधड़ी के कुल 14,483 मामले सामने आए
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 2,642 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के कुल 14,483 मामले सामने आए. एक साल पहले की समान अवधि में धोखाधड़ी के 5,396 मामले सामने आए थे जिनमें 17,685 करोड़ रुपये शामिल थे. रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट के मुताबिक, धोखाधड़ी से बैंकों की प्रतिष्ठा, परिचालन और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए जोखिम पैदा होता है. इससे वित्तीय स्थिरता के साथ बैंकिंग प्रणाली में ग्राहकों का भरोसा भी कम होता है.

इसके मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 में बैंकों ने धोखाधड़ी के कुल मामलों के छह साल के निचले स्तर पर आ जाने की बात कही जबकि धोखाधड़ी में शामिल औसत राशि एक दशक में सबसे कम थी.

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पिछले वित्त वर्ष में धोखाधड़ी में शामिल औसत राशि घटी
रिपोर्ट कहती है कि पिछले वित्त वर्ष में धोखाधड़ी में शामिल औसत राशि घट गई और कार्ड या इंटरनेट से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों की अधिकता रही. नई प्रौद्योगिकियों के आने से साइबर हमले, डेटा से छेड़छाड़ और परिचालन विफलताओं का जोखिम भी बढ़ गया है.रिपोर्ट के मुताबिक, बैंकों को संभावित कमजोरियां दूर करने के लिए प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा जोखिमों को बेहतर ढंग से चिह्नित और संबोधित करने की जरूरत है. बैंक प्रणाली के सामने आने वाले जोखिमों की उभरती प्रकृति को बेहतर संचालन व्यवस्था और मजबूत जोखिम प्रबंधन उपायों के माध्यम से सुदृढ़ बनाना होगा.

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ग्राहकों के बेहतर अनुभव के लिए चैटबॉट या ‘वर्चुअल असिस्टेंट' तैनात
भारत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) भी डेटा विश्लेषण, धोखाधड़ी का पता लगाने और अन्य अनुमानित विश्लेषणों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का फायदा उठा रहे हैं. बैंकों ने ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए चैटबॉट या ‘वर्चुअल असिस्टेंट' भी तैनात किए हैं. रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है कि एआई नए उत्पादों और सेवाओं के निर्माण को बढ़ावा देकर, नए बाजार एवं उद्योगों को खोलकर और नवोन्मेष का मार्ग प्रशस्त कर वित्तीय सेवा क्षेत्र को बदलकर रख देगा.

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