दिल्ली में प्राइवेट बाइक के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक, नहीं माने तो लाइसेंस होगा जब्त

दिल्ली सरकार (Delhi Government) के परिवहन विभाग ने रविवार को एक पब्लिक नोटिस जारी कर दिल्ली (Delhi) में प्राइवेट बाइक टैक्सी (Private bike taxi) के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.

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दिल्ली में प्राइवेट बाइक टैक्सी के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

दिल्ली सरकार (Delhi Government) के परिवहन विभाग ने रविवार को एक पब्लिक नोटिस जारी कर दिल्ली (Delhi) में प्राइवेट बाइक टैक्सी (Private bike taxi) के कमर्शियल इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. नोटिस में कहा गया है कि पाबंदी के बाद भी बाइक टैक्सी चलाने वालों के चालान काटे जाएंगे. इसके अलावा लाइसेंस भी रद किये जा सकते हैं. इस सर्विस से जुड़े तमाम एग्रीगेटर्स को भी चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म (मोबाइल ऐप/वेबसाइट) पर बुकिंग्स जारी रखी, तो उनके खिलाफ भी व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

इसमें एक लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. विभाग जल्द ही ऐसे एग्रीगेटर्स को कारण बताओ नोटिस भेजने की भी तैयारी कर रहा है. परिवहन विभाग ने निजी बाइक टैक्सियों को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन बताया है.

कितना लगेगा जुर्माना 
पहली बार अपराध करने पर 5,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है, जबकि दूसरी बार अपराध करने पर 10,000  रुपये का जुर्माना और एक वर्ष तक का कारावास हो सकता है. इन परिस्थितियों में चालक को तीन महीने के लिए अपना लाइसेंस भी खोना पड़ सकता है. 

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2019 में मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधनों ने यह स्पष्ट कर दिया था कि एग्रीगेटर वैध लाइसेंस के बिना काम नहीं कर सकते. मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि पुणे के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने 21 दिसंबर को लाइसेंस के लिए उसकी याचिका को खारिज कर दिया था.
 

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