जबलपुर के होटल में आयुष्मान कार्डधारियों का हो रहा था फर्जी इलाज, होटल किया गया सील

जबलपुर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा को सूचना मिली कि सेन्ट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के बाजू में स्थित बेगा होटल में आयुष्मान कार्ड धरियों को भर्ती किया गया है, जबकि उनको कोई विशेष गम्भीर बीमारी नहीं है.  

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आयुष्मान कार्डधारियों के फर्जी इलाज का मामला उजागर
जबलपुर:

मध्य प्रदेश के जबलपुर से ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में सुनकर हर कोई दंग रह जाएगा. दरअसल होटल में रखकर आयुष्मान कार्डधारियों के फर्जी इलाज का मामला उजागर हुआ. इस मामले में जिला प्रशासन ने होटल को सील कर दिया है. पुलिस शीघ्र ही निजी अस्पताल संचालक व कर्मचारियों पर कार्रवाई करेगी. पुलिस अधीक्षक जबलपुर सिद्धार्थ बहुगुणा को सूचना मिली कि सेन्ट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के बाजू में स्थित बेगा होटल में आयुष्मान कार्ड धरियों को भर्ती किया गया है, जबकि उनको कोई विशेष गम्भीर बीमारी नहीं है.  

जिसके बाद जबलपुर पुलिस एवं आयुष्मान अधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के बाजू में स्थित होटल बेगा में दबिश दी गयी. होटल के प्रथम तल, द्वितीय तल के हॉल में एवं तृतीय तल के कमरों में मरीज भर्ती मिले थे, सभी आयुष्मान कार्डधारी हैं, जिसकी डाक्टरो की टीम द्वारा जांच की गई. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा अनियमितताओं का हवाला देते हुए रिपोर्ट सौंपने के बाद रविवार को जबलपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस सरकारी मेडिकल कॉलेज के प्रमुख नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ अश्विनी पाठक के परिवार द्वारा संचालित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल को सील कर दिया गया. होटल के बगल में स्थित होटल वेगा का संचालन डॉ पाठक के बेटे द्वारा किया गया था.

डॉ अश्विनी पाठक ने कहा, "यह अब एक होटल नहीं है, लेकिन हम जिला अस्पताल से अनुमति के बाद 100 बेड की चिकित्सा सुविधा चला रहे हैं. हम आयुष्मान भारत योजना कार्ड धारकों से एक भी रुपया नहीं ले रहे हैं." एडीएम नमः शिवाय अरजारिया ने कहा, "किडनी अस्पताल आयुष्मान योजना का लाभ लेने के लिए वेगा होटल में फर्जी मरीजों को भर्ती करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ होटल को सील कर दिया गया है लेकिन हमने इस बात का ध्यान रखा कि अस्पताल का कोई भी हिस्सा प्रभावित न हो, जैसे हमने कलेक्टर के आदेशानुसार होटल से संचालित होने वाले सीटी स्कैन सेंटर को सील नहीं किया है.

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सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा ने कहा, “पुलिस टीम के साथ जबलपुर जिले में आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ आदर्श विश्नोई और स्वास्थ्य विभाग के एक अन्य अधिकारी थे. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की कंपनी में पुलिस कार्रवाई से न केवल यह पता चला कि होटल में बिना स्वास्थ्य विभाग की अनुमति के एक अस्पताल चलाया जा रहा था, बल्कि उसी गैर-परिचालन होटल के बेसमेंट में एक सीटी स्कैन सेंटर भी संचालित किया जा रहा था."

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