- अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में 25 नवंबर को होने वाले ध्वजारोहण महोत्सव के रविवार को भी अनुष्ठान हुए
- 25 नवंबर को पीएम मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत राम मंदिर के साथ मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराएंगे
- सुरक्षा के लिए 15 हजार से अधिक CCTV लगाए गए हैं और NSG, CRPF, SPG के जवान भी तैनात किए गए हैं
अयोध्या के राम जन्मभूमि मंदिर में 25 नवंबर को होने वाला ध्वजारोहण महोत्सव बेहद भव्य और ऐतिहासिक होने जा रहा है. मंदिर निर्माण की पूर्णता के प्रतीक इस भव्य समारोह के लिए राम की नगरी सज गई है. धार्मिक दृष्टि से यह दिन काफी महत्वपूर्ण है. ज्योतिष गणना के अनुसार 25 नवंबर को विवाह पंचमी है और माना जाता है कि इसी दिन त्रेतायुग में भगवान श्रीराम और माता जानकी का विवाह हुआ था. मंदिर में धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम के तीसरे दिन रविवार को भी कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
ध्वजारोहण समारोह के तीसरे दिन ये पूजन-अर्चन
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समिति के मुताबिक, धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम के तीसरे दिन वैदिक आचार्यों ने गणपति पूजन, पंचांग पूजन, षोडष मातृका पूजन कराया. इसके बाद योगिनी पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रह पूजन किया गया. प्रधान मंडल के रूप में रामभद्र मंडल और अन्य समस्त पूज्य मंडलों का आह्वान व पूजन हुआ. इसके साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम और गणेश अथर्वशीर्ष की आहुतियां पूर्ण की गईं.
अयोध्या का कोना-कोना फूलों से सज रहा
ध्वजारोहण समारोह के लिए रामनगरी में भव्य उत्सव की पूरी तैयारी है. मंदिर मार्गों पर ऐसी भव्यता दिख रही है मानो त्रेता युग की पावन अयोध्या फिर से जीवंत हो उठी हो. रामपथ हो या फिर भक्तिपथ, धर्म पथ हो या फिर अयोध्या का कोई कोना, सभी फूलों से सज रहे हैं. शहर की हर सड़क, हर चौक-चौराहों को भव्यता के साथ सजाया जा रहा है.
ध्वजारोहण वाले दिन क्या होंगे कार्यक्रम
25 नवंबर को समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, RSS प्रमुख मोहन भागवत के साथ राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराएंगे. कार्यक्रम की शुरुआत सप्त ऋषि मंदिर से होगी, जहां सप्त ऋषियों की प्रार्थना और विशेष वैदिक पूजा संपन्न की जाएगी. ध्वजारोहण का मुहूर्त सुबह 11:58 बजे से दोपहर 1 बजे तक है. इस ऐतिहासिक ध्वजारोहण के लिए सात हजार से ज्यादा खास मेहमान पहुंचेंगे, जिनमें राम मंदिर ट्रस्ट के करीब 80 प्रमुख दानदाता शामिल हैं.
बेहद खास है मंदिर पर लगने वाला ध्वज
राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला ध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है. पीतांबरी रंग का रेशमी सिल्क से तैयार ये ध्वज त्रिकोण के आकार का है. इस पर हाथ की नक्काशी की गई है. इसमें भगवान राम के राजवंश का चिह्न कोविदार वृक्ष, सूर्य देव और ओंकार का चिह्न बनाया गया है. अहमदाबाद के 8 कारीगरों ने 25 दिन में इसे तैयार किया है.
15 हजार CCTV से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस भव्य कार्यक्रम के लिए सिक्योरिटी के भी सख्त इंतजाम किए गए हैं. ध्वजारोहण अनुष्ठान की शुरुआत के साथ ही मंदिर परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. शहर में अलग-अलग जगहों पर निगरानी के लिए 15 हज़ार सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. सुरक्षा में NSG, CRPF, SPG के जवान मुस्तैद हैं. इनके अलावा आईबी और अयोध्या पुलिस भी सुरक्षा में जुटी है. मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं. डॉग स्क्वॉड भी मुस्तैद है. कार्ड पर QR कोड देखकर ही एंट्री दी जा रही है. मंदिर परिसर में मोबाइल पर प्रतिबंध लगाया गया है.
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अयोध्या में यात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
आध्यात्मिकता, प्राचीनता और दैवीय गुणों को समेटे ध्वज की छटा देखने के लिए दुनियाभर से यात्री अयोध्या पहुंच रहे हैं. राममंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में यात्रियों की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है. स्थानीय होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें, पूजा सामग्री और प्रसाद का कारोबार रिकॉर्ड तोड़ रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य 2028 तक यूपी के टूरिज्म सेक्टर को 70 हज़ार करोड़ का उद्योग बनाने का है. इसमें अकेले अयोध्या का योगदान 25 फीसदी होगा. ध्वजारोहण समारोह के बाद पर्यटकों के संख्या में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस साल जनवरी से जून तक यहां 23 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं. दिसंबर तक ये संख्या 50 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.













