अतुल सुभाष खुदकुशी मामला: दहेज विरोधी कानून के दुरुपयोग पर SC में दाखिल की गई याचिका

याचिका में निर्देश जारी करने की मांग की गई है कि प्रत्येक विवाह पंजीकरण आवेदन के साथ विवाह के दौरान दी गई वस्तुओं/उपहारों/धन की सूची भी शपथ-पत्र के साथ प्रस्तुत की जाए.

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सुप्रीम कोर्ट में याचिका वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है.
नई दिल्ली:

बेंगलुरु में एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. याचिका में मौजूदा दहेज और घरेलू हिंसा कानूनों की समीक्षा और सुधार को लेकर एक कमिटी गठन करने की मांग की गई है. याचिका में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, वकीलों और प्रख्यात विधिवेत्ताओं की एक विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि समिति की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश से कराई जाए. ये याचिका वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है.

विवाह के दौरान दी गई वस्तुओं का हो रिकॉर्ड

याचिका में निर्देश जारी करने की मांग की गई है कि प्रत्येक विवाह पंजीकरण आवेदन के साथ विवाह के दौरान दी गई वस्तुओं/उपहारों/धन की सूची भी शपथ-पत्र के साथ प्रस्तुत की जाए. इतना ही नहीं उसका रिकॉर्ड रखा जाएगा तथा उसे विवाह पंजीकरण प्रमाण-पत्र के साथ संलग्न किया जाएगा. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के दिशा-निर्देशों को लागू करने की मांग को गई है. जिसमें पति और उसके परिवार के सदस्यों का उत्पीड़न रोकने के अदालत ने दिशा-निर्देश दिए थे.

सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने बेंगलुरु में आत्महत्या कर ली थी. मृतक के भाई ने मराठाहल्ली थाने में शिकायत दी है कि अतुल के खिलाफ उत्तर प्रदेश में कई मामले चल रहे हैं. उसकी पत्नी और परिवार के सदस्यों ने इन मामलों को निपटाने के लिए पैसे की मांग की थी, जिससे तंग आकर उसके भाई ने सुसाइड कर लिया. पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना), धारा 3(5) (जब दो या ज्यादा लोग शामिल हों तो सामूहिक जिम्मेदारी बनती है) के तहत मामला दर्ज किया है.

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