जम्मू-कश्मीर में आतंकी नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए डोडा और किश्तवाड़ में 13 जगहों पर सुरक्षाबलों ने छापेमारी की है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार सुबह डोडा जिले में 13 स्थानों पर छापेमारी की, ताकि आतंकवादी ठिकानों का भंडाफोड़ किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. पुलिस के अनुसार, श्रीनगर पुलिस ने 63 व्यक्तियों के आवासों पर तलाशी ली जा चुकी है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों की देखरेख में कार्यकारी मजिस्ट्रेट और स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में उचित कानूनी प्रक्रियाओं के अनुसार तलाशी ली गई.
बता दें पिछले सात महीनों से आतंकवादियों ने जम्मू डिवीजन के डोडा, किश्तवाड़, राजौरी, पुंछ, रामबन और कठुआ जिलों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. इन जिलों के घने जंगली इलाकों को आतंकवादियों द्वारा छिपने की जगह के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है. माना जा रहा है कि ये ज्यादातर कट्टर विदेशी भाड़े के आतंकवादी हैं. ये आतंकवादी हमला करके तुरंत भाग जाते हैं और फिर घने जंगलों में छिप जाते हैं.
पूरे देश पर है ये हमला
जम्मू कश्मीर विधानसभा ने पहलगाम में पिछले सप्ताह हुए बर्बर आतंकवादी हमले पर दुख और पीड़ा व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया . विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, पहलगाम हमला पूरे देश पर हमला है. जब लोग साथ होंगे तो आतंकवाद खत्म होगा. मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं उन्हें वापस भेजूं.माफी मांगने के लिए हमारे पास शब्द नहीं है. बैसरन हमले के बाद फिर हमलों का डर है. पूरा मुल्क इस हमले की चपेट में आया है.
होटलों की बुकिंग हुई प्रभावित
इस बीच, कटरा में होटल और रेस्तरां एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश वजीर ने सोमवार को कहा कि घातक पहलगाम आतंकवादी हमले ने होटलों की बुकिंग को काफी" प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि कम से कम 35 प्रतिशत बुकिंग रद्द कर दी गई हैं. वजीर ने एएनआई को बताया, "पहलगाम आतंकवादी हमले का पूरी बुकिंग पर काफी असर पड़ा है. बुकिंग लगातार रद्द हो रही हैं. हमारे आकलन के अनुसार, अब तक लगभग 35 से 37 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो चुकी हैं. यात्रा में लोगों की संख्या 45,000 से घटकर मात्र 20,000 से 22,000 रह गई है."
पहलगाम हमले में हुई थी 26 लोगों का मौत
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों के हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे. यह 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला था. पाकिस्तान से संबद्ध प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का एक अंग कहे जाने वाले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट' नामक समूह ने हमले की जम्मेदारी ली है.