आतिशी ने मुख्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा, एलजी विनय सक्सेना ने भंग की दिल्ली की विधानसभा

8 फरवरी को आए चुनाव नतीजों ने बीजेपी की जीत को साफ कर दिया और इसी के साथ लगभग 26 साल बाद बीजेपी की दिल्ली की सत्ता पर वापसी हुई है. ऐसे में आज आतिशी अपना इस्तीफा एलजी को सौंप देंगी. 

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी सुबह 11 बजे एलजी सचिवालय पहुंची और यहां उन्होंने एलजी विनय कुमार सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया. बता दें कि 8 फरवरी को आए चुनाव नतीजों ने बीजेपी की जीत को साफ कर दिया और इसी के साथ लगभग 26 साल बाद बीजेपी की दिल्ली की सत्ता पर वापसी हुई है. ऐसे में आज आतिशी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इसी के साथ एलजी ने दिल्ली की विधानसभा को भंग कर दिया है. 

जानकारी के मुताबिक 7 फरवरी की तारीख वाले गजट नोटिफिकेशन में दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी की सातवीं विधानसभा को भंग कर दिया. नोटिफिकेशन में कहा गया है, "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 की धारा 6 की उपधारा (2)(बी) द्वारा मुझे प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, मैं, विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली का उपराज्यपाल, 08 फरवरी, 2025 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सातवीं विधानसभा को भंग करता हूं." इस नोटिस को आज ही पब्लिक किया गया है.

Advertisement

दिल्ली में बीजेपी के खाते में कुल 48 सीटें आई हैं, जबकि 10 सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि आम आदमी पार्टी केवल 22 सीटों पर ही सिमट कर रह गई. इसके साथ ही अब बीजेपी दिल्ली में बहुमत के साथ वापस आई है. यहां आपको ये भी बता दें कि कांग्रेस दिल्ली की 70 सीटों में से एक भी सीट हासिल कर पाने में नाकाम रही है.

Advertisement

यहां आपको यह भी बता दें कि आतिशी को कालका जी सीट से जीत मिली है. वह इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी के खिलाफ मैदान में थीं. इलेक्शन कमीशन के मुताबिक दोनों के बीच यहां टक्कर का मुकाबला था और उन्हें 900 वोटों से जीत मिली है. हालांकि, वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली की अपनी सीट से हार गए हैं. उन्हें इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने हराया है. 

Advertisement

141 दिन तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं आतिशी

बता दें कि आतिशी 141 दिनों तक ही दिल्ली की मुख्यमंत्री रही हैं. बता दें कि 17 सितंबर 2024 को अरविंद केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक में उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया गया था. इसके साथ, वह 43 वर्ष की आयु में दिल्ली की सबसे कम उम्र की सीएम बनी थीं. हालांकि, उनका यह कार्यकाल बहुत ही कम वक्त का था और वह केवल 141 दिनों के लिए ही दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
RCB Victory Parade Stampede: जश्न में हुए हादसे को लेकर IPL Chairman Arun Dhumal ने जताया दुख
Topics mentioned in this article