गौहाटी उच्च न्यायालय ने महिला अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की तुलना ‘ राक्षस' से करने के मामले में एक वकील को आपराधिक अवमानना का दोषी करार दिया है. न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराणा और न्यायमूर्ति देवाशीष बरुआ की खंडपीठ ने वकील उत्पल गोस्वामी द्वारा अपराध स्वीकार किए जाने के बाद शुक्रवार को आदेश पारित किया. दरअसल, वकील ने पहले एक याचिका दायर की थी जो जोरहाट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में लंबित थी. वकील ने न्यायाधीश के पहनावे के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दावा किया था कि उन्होंने अधिवक्ताओं की दलील नहीं सुनी, अदालत को नियंत्रित करने की कोशिश की और पौराणिक राक्षस 'भस्मासुर' की तरह व्यवहार किया.
इसके बाद उच्च न्यायालय ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया. उच्च न्यायालय द्वारा मांगे गए एक हलफनामे में, गोस्वामी ने अपराध स्वीकार किया और बिना शर्त माफी मांगी. उच्च न्यायालय ने वकील को दोषी करार दिया और 10,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया. मामले पर 20 मार्च को दोबारा सुनवाई होगी.
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