आप शासित पंजाब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान रविवार को दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने किसान आंदोलन को याद करते हुए कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चाहती थी कि दिल्ली के स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में बदल दिया जाए ताकि नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में मार्च करने वाले किसानों को 'घर' दिया जा सके. सीएम केजरीवाल ने कहा, " मैं भी एक आंदोलन, अन्ना आंदोलन से उभर कर आया हूं. उस समय हमारे साथ भी ऐसा ही किया गया था. वे हमें स्टेडियम में रखते थे. मैं भी कई दिनों तक स्टेडियम में रहा. मैं समझ गया कि किसान आंदोलन को समाप्त करने के लिए यह एक चाल है."
'हम किसानों के साथ खड़े थे'
उन्होंने कहा, " अगर दिल्ली में घुसने वाले किसानों को स्टेडियमों में डिटेन कर लिया गया होता, तो किसान आंदोलन एक स्टेडियम तक सीमित हो जाता. लेकिन हमने ऐसा करने से इनकार कर दिया. हमने कहा कि हम स्टेडियमों को जेल में नहीं बदलेंगे. वे (केंद्र) इतने गुस्से में थे, लेकिन हम किसानों के साथ खड़े थे."
केजरीवाल ने कहा, " दिल्ली सरकार ने आंदोलनरत किसानों की मदद की. उनको पीने का साफ पानी दिया, शौचालय की सुविधा दी, लंगर में खाना खिलाया. हमें खुशी है कि हमने किसान भाइयों की मदद की. हमने वो सब किया जो हम कर सकते थे."
राकेश टिकैत भी कार्यक्रम में थे मौजूद
बता दें कि जिस कार्यक्रम में सीएम अरविंद केजरीवाल ने ये बातें कहीं उसमें किसानों के दिग्गज नेता राकेश टिकैत भी मौजूद थे. राकेश विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल बड़े पैमाने पर हुए आंदोलन के नेताओं में से एक थे, जिन्हें आखिरकार निरस्त कर दिया गया.
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