- अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गोर भारत की छह दिवसीय यात्रा पर हैं.
- गोर ने भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और निवेश बढ़ाने पर वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल से चर्चा की है.
- सर्जियो गोर ट्रंप के करीबी और दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के विशेष दूत हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस के भारतीय मूल की होने के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप की जीत के लिए हजारों भारतीयों ने दुआएं की और वो जीत भी गए. भारतीयों को लगा कि ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से भारत और अमेरिका के रिश्ते आसमान की ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे, मगर हुआ उल्टा. ट्रंप ने टैरिफ के साथ-साथ भारतीयों की एच1बी वीजा पर भी डंडा चला दिया. मगर, अब लग रहा है कि रिश्तों पर जमी बर्फ धीरे-धीरे पिघल रही है. गाजा में पीस लाने के लिए होने वाली मीटिंग में खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दोस्त पीएम मोदी को आमंत्रित किया. वहीं अमेरिका के नामित राजदूत सर्जियो गोर भी शनिवार से भारत की छह दिवसीय यात्रा पर हैं.
किस-किस से मिले गोर
सर्जियो गोर ने रविवार को वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के साथ भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों पर चर्चा की. दोनों देश व्यापार समझौते की दिशा में प्रयासरत हैं. गोर प्रबंधन एवं संसाधन उप-सचिव माइकल जे. रिगास के साथ भारत की यात्रा पर हैं. कुछ ही दिन पहले सीनेट ने भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में उनकी नियुक्ति की पुष्टि की थी. शनिवार को अपनी यात्रा के पहले दिन गोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ अलग-अलग बैठकें कीं. अग्रवाल के साथ गोर की बैठक भारत-अमेरिका आर्थिक संबंधों पर केंद्रित रही.
गोर के महत्वपूर्ण बयान
मनोनीत राजदूत ने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘भारत यात्रा के दौरान मैंने वाणिज्य सचिव अग्रवाल से मुलाकात की और अमेरिका में निवेश बढ़ाने सहित अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों पर चर्चा की.'' प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी बैठक के बाद गोर ने कहा कि अमेरिका भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है.
गोर ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप मोदी को अपना एक बहुत अच्छा और व्यक्तिगत दोस्त मानते हैं.'' गोर ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत-अमेरिका संबंध निरंतर बढ़ते रहेंगे.सर्जियो गोर ने खुलासा किया कि अमेरिका ने अगले सप्ताह वाशिंगटन आने के लिए एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया है और दोनों पक्ष एक समझौते के करीब हैं. उन्होंने कहा, "हम अभी भारतीयों के साथ बातचीत कर रहे हैं.इस मुलाकात में एक आशाजनक समझौता भी शामिल होगा. अभी हम समझौते से ज्यादा दूर नहीं हैं. हम समझौते की बारीकियों पर बातचीत कर रहे हैं." उन्होंने क्वाड को लेकर वाशिंगटन की प्रतिबद्धता भी दोहराई. गोर ने कहा कि यह समूह 'बेहद महत्वपूर्ण' है और उन्होंने संकेत दिया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस साल के अंत में भारत में होने वाले नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए भारत आ सकते हैं.
गोर की ताकत जानिए
सर्जियो गोर को डोनाल्ड ट्रंप का करीबी माना जाता है. वो ट्रंप के साथ उनकी कैंपेनिंग के दौर से ही जुड़े थे, ट्रंप के पक्ष में माहौल बनाने में गोर का काफी अहम रोल था. खुद ट्रंप भी ये बात कह चुके हैं. चुनाव जीतने के बाद ट्रंप ने सर्जियो को व्हाइट हाउस के डायरेक्टर ऑफ प्रेसिडेंशियल पर्सनल पद पर नियुक्त किया था. सर्जियो गोर सिर्फ भारत में अमेरिका के राजदूत नहीं बनकर आए हैं, बल्कि उन्हें स्पेशल एनवॉय फॉर साउथ एंड सेंट्रल एशियन अफेयर्स की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. इसका मतलब है कि दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों को भी सर्जियो गोर देखेंगे. पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से भी उनकी बातचीत होगी. साफ है कि गोर को भेजकर ट्रंप भारत के साथ सीधे संपर्क में रहना चाहते हैं और विवादों का जल्द से जल्द हल चाहते हैं. हालांकि, सर्जियो गोर की नियुक्ति से कुछ विश्लेषक भारत के पड़ोसी देशों में अमेरिका की दखलअंदाजी बढ़ने की आशंका भी जता रहे हैं.