उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में दर्ज एफआईआर के खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने अदालत से इस एफआईआर रद्द करने की मांग की है. हालांकि अदालत ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट जनवरी के पहले सप्ताह में इस मामले पर सुनवाई करेगी. CJI की बेंच के सामने मामले का उल्लेख करते हुए भदौरिया के वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और एजेंसी उनके पीछे पड़ी हुई है.
बताते चलें कि हाई कोर्ट ने भदौरिया के खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने से इनकार कर दिया था. वहीं जिला न्यायाधीश ने अनुराग भदौरिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिला अदालत की तरफ से कहा गया था कि ‘‘अग्रिम जमानत अर्जी में यह नहीं बताया गया है कि इस मामले में उसकी एक याचिका उच्च न्यायालय से खारिज हो चुकी है. अग्रिम जमानत का आधार अप्रर्याप्त है. लिहाजा अर्जी निरस्त की जाती है.
अनुराग सिंह भदौरिया पर एक टीवी बहस में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ व दिवंगत मंहत अवैधनाथ के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने का इल्जाम है. बीते 12 नवंबर को इस मामले की प्राथमिकी भाजपा नेता हीरो वाजपेई ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. महंत अवैद्यनाथ गोरखनाथ मठ के महंत थे.
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