महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) घूसकांड मामले में सीबीआई और भाजपा सांसद को पत्र लिखकर आरोप लगाने वाले वकील ने अब दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर दावा किया है कि उनकी शिकायत के कारण उन्हें अब 'अपने जीवन के लिए गंभीर खतरे' की आशंका है. वकील जय अनंत देहाद्राई (Jai Anant Dehadrai) ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को पत्र लिखा है. वकील ने सीबीआई और भाजपा सांसद को लिखे पत्र में कहा था कि तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के संसद में सवाल पूछने के लिए एक बिजनेसमैन से रिश्वत लेने के सबूत हैं.
इसके साथ ही जय अनंत देहाद्राई ने यह भी दावा किया है कि उन्हें अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया गया था और न मानने पर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई थी.
देहाद्राई कथित तौर पर तृणमूल सांसद के साथ रिश्ते में थे और अलग होने के बाद से दोनों के बीच कथित तौर पर अच्छे संबंध नहीं हैं. उनके बीच मनमुटाव का एक कारण उनका हेनरी नाम का रॉटविलर नस्ल का एक पालतू कुत्ता है. दोनों ने एक दूसरे पर हेनरी को 'चोरी' करने का आरोप लगाया है और अदालत में उसकी हिरासत की लड़ाई लड़ी जा रही है. कुत्ता फिलहाल मोइत्रा के पास है.
देहाद्राई ने शनिवार को पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में कहा है कि वह "बेहद परेशान करने वाली परिस्थितियों" में लिख रहे हैं. मोइत्रा और अन्य के खिलाफ 14 अक्टूबर की अपनी शिकायत के कारण जीवन को खतरे की आशंका थी, जो उन्होंने सीबीआई और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को सौंपी थी.
वकील ने आरोप लगाया कि गुरुवार को उन पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाने की सीधी कोशिश की गई.
उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा, "अगर मैं सहमत नहीं हुआ तो प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की धमकियां भी दी गईं. सबसे खास मांग यह थी कि मुझे बिना शर्त उन दोनों शिकायतों को वापस लेना होगा, जिनमें मेरे द्वारा मोइत्रा और अन्य के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार से संबंधित बहुत गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह कहा गया था कि अगर मैं अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए सहमत हो जाऊं तो मोइत्रा मेरे पालतू रॉटविलर हेनरी को मुझे लौटा देंगी.''
इसके साथ ही देहाद्राई ने कहा कि उनकी चिंता गंभीर है, क्योंकि तृणमूल सांसद का “विरोधियों को डराने और धमकाने के लिए अपने प्रभाव और राजनीतिक प्रभाव के दुरुपयोग का इतिहास” रहा है. उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने दिल्ली के बाराखंभा रोड पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ दो "फर्जी" शिकायतें दर्ज करके हेनरी को जबरन हासिल करने का प्रयास किया था.
मोइत्रा पर पुलिसकर्मी पर भी दबाव डालने का आरोपवकील ने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने थानाधिकारी पर "उसे हेनरी का वैध स्वामित्व छोड़ने के लिए धमकाने" का दबाव डाला. उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मी निर्दोष है, क्योंकि उसे तृणमूल सांसद द्वारा "धमकी" दी जा रही थी. साथ ही कहा कि उसे अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “जब मैंने हार मान ली और हेनरी को मोइत्रा के पास भेज दिया तो मोइत्रा ने 04.10.2023 को एक पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए तुरंत न केवल मेरे खिलाफ अपनी तथाकथित शिकायतों को बिना शर्त वापस ले लिया, बल्कि पुलिस से स्पष्ट रूप से मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए कहा. इस प्रकार, मोइत्रा और उनके सहयोगियों की बेहद खतरनाक और संदिग्ध पृष्ठभूमि को देखते हुए, मुझे अपने जीवन पर खतरे की आशंका है.”
'पेश होने से रोकने का प्रयास कर सकते हैं'सुप्रीम कोर्ट के वकील ने आशंका जताई कि उन्हें डर है कि उन्हें 26 अक्टूबर को लोकसभा एथिक्स कमेटी के साथ जांच एजेंसियों के सामने पेश होने से रोकने का प्रयास किया जा सकता है. अपने इस दावे के समर्थन में उन्होंने कहा कि उन्हें अपने फोन पर अज्ञात नंबरों से कई "अजीब संदेश" प्राप्त हुए थे और साथ ही शुक्रवार को "नो कॉलर आईडी" नंबर से तीन फोन कॉल आए थे.
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “जो अजीब घटनाएं हो रही हैं, उन्हें देखते हुए मुझे अपने चैंबर के सहयोगियों और खुद को लेकर डर है. चूंकि मेरे पास इस मामले से संबंधित बेहद संवेदनशील सबूत और सामग्री है, इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि इस सामग्री को या तो नष्ट करने का प्रयास किया जा सकता है या शारीरिक नुकसान की धमकी देकर इसे मुझसे प्राप्त किया जा सकता है. इसलिए मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप संबंधित खतरों का आकलन करें और जैसा आप उचित समझें, पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें.''
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