जेल में बंद कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए पैरोल पर दिल्ली लाया जा रहा है. उन्हें अपने परिवार से मिलने की अनुमति होगी, लेकिन उन्हें नयी दिल्ली के “न्यायिक क्षेत्राधिकार” से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
पंजाब में अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी पैरोल आदेश में निर्धारित शर्तों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में रहने के दौरान न तो सिंह और न ही उनके रिश्तेदार या परिवार के सदस्य मीडिया के किसी भी रूप में बयान दे सकते हैं. उन्हें पिछले साल 23 अप्रैल को अमृतसर से गिरफ्तार किया गया था.
सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 31 वर्षीय सिंह को शपथ ग्रहण के लिए विमान से असम से दिल्ली लाया जाएगा और उनकी चार दिन की पैरोल अवधि पांच जुलाई से शुरू होगी.
पैरोल आदेश में 10 शर्तों का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अस्थायी रिहाई की अवधि में डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल से नयी दिल्ली तक जाने और वापस आने में लगने वाला समय शामिल होगा.
आदेश के मुताबिक, “अमृतपाल सिंह या उनके किसी भी रिश्तेदार को अमृतपाल के किसी भी बयान की वीडियोग्राफी करने और/या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक रूप में ऐसे किसी भी बयान को प्रसारित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.”
आदेश में कहा गया है, “पंजाब बंदी (हिरासत की स्थिति) आदेश, 1981 की धारा 2 (सी) के तहत परिभाषित अमृतपाल के रिश्तेदारों को उस अवधि के दौरान उससे मिलने की अनुमति दी जाएगी, जब तक वह नयी दिल्ली में रहेगा.”
सिंह के लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के संबंध में आदेश में कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), अमृतसर (ग्रामीण) द्वारा जितनी उचित समझी जाएगी उनके साथ उतनी संख्या में पुलिस कर्मी रहेंगे.
आदेश में कहा गया कि उस समयावधि के दौरान, जब सिंह संसद भवन परिसर में उपस्थित होंगे, “उनके साथ उतनी संख्या में पुलिस कर्मी या अन्य सुरक्षा कर्मी रहेंगे, जितनी लोकसभा के महासचिव द्वारा अनुमति दी गई हो”.
इसमें कहा गया है कि जिस अवधि के दौरान सिंह के संसद परिसर में रहने की आवश्यकता नहीं होगी, उन्हें “नयी दिल्ली में ऐसे स्थान पर रखा जाएगा, जिसे एसएसपी, अमृतसर (ग्रामीण) विभिन्न सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त समझें.”
बुधवार को अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट घनश्याम थोरी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, “अमृतपाल सिंह को पांच जुलाई से चार दिन या उससे कम समय के लिए पैरोल दी गई है, जिसके लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिनकी सूचना डिब्रूगढ़ के जेल अधीक्षक को दे दी गयी है.”
अमृतसर में अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल को चार दिन की पैरोल दी गई है ताकि वह लोकसभा सदस्य की शपथ ले सकें.
सिंह “वारिस पंजाब दे” संगठन का प्रमुख है. उसे उसके नौ सहयोगियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद किया गया है. अमृतपाल को पिछले साल 23 अप्रैल को मोगा के रोडे गांव में गिरफ्तार किया था.