सोनी एंटरटेनमेंट पर आने वाला लोकप्रिय गेम शो कौन बनेगा करोड़पति के नए सीज़न का प्रचार वीडियो चर्चा का विषय बन गया है. वीडियो में शो के होस्ट अमिताभ बच्चन साल 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 के नए नोटों में जीपीएस ट्रैकर्स के एम्बेड किए जाने को लेकर फैलाई गई अफवाह के संबंध में सवाल करते दिख रहे है. फैक्ट-चेकिंग को प्रोत्साहित करने के प्रयास में, अभिनेता दर्शकों से कहते हैं कि जहां से भी जानकारी मिले वो उसे प्राप्त करें, लेकिन वो उसे सत्यापित भी जरूर कर लें."
सोनी एंटरटेनमंट के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया वीडियो केबीसी के सेट पर सूट किया गया है. वीडियो में एक महिला प्रतियोगी शो-होस्ट अमिताभ बच्चन के विपरीत बैठीं हैं. शो फॉर्मेट के अनुसार, अमिताभ उनसे एक सावल पूछते हैं, "इनमें से किसमें जीपीएस तकनीक है? विकल्प एक टाइपराइटर, दो - टेलीविजन, तीन - उपग्रह और चौथा - 2,000 का नोट."
मजाक को कैसे मान लिया सच ?
प्रतियोगी मुस्कुराती हैं और कांफिडेंस के साथ अंतिम विकल्प चुनती हैं, जो कि 2000 रुपये के नोट का है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने जवाब को लेकर आश्वस्त हैं, उन्होंने कहा, "सिर्फ मैं ही नहीं सर, पूरा देश इस जवाब को लेकर आश्वस्त है." हालांकि, अभिनेता ने बताया कि उनका उत्तर गलत है, और सही उत्तर उपग्रह था. हंसते हुए प्रतियोगी उनसे पूछती हैं कि क्या वे मजाक कर रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में मजाक क्यों करूंगा? मजाक वो था जिसे आप सच मानते थे."
ऐसे में प्रतियोगी यह कहकर अपना बचाव करने की कोशिश की कि न्यूज में ऐसी जानकारी दी गई थी. इसलिए गलती उनकी है. अमिताभ बच्चन प्रतियोगी को बताते हैं कि भले ही, मीडिया ने गलत सूचना प्रसारित करने की गलती की, लेकिन नकली समाचारों पर विश्वास करने के परिणामों का उन पर सीधा प्रभाव पड़ा है, क्योंकि वो गेम हार गई हैं.
वित्त मंत्री ने नकार दिए थे अफवाह
दरअसल, साल 2016 में ऐसी खबर प्रसारित की गई थी देश में काले धन के मुद्दे को समाप्त करने के लिए 2,000 रुपये के हर नोट में "अत्याधुनिक नैनो टेक्नोलॉजी जीपीएस चिप्स" लगाए गए हैं, जबकि ये बात पूरी तरह से गलत थी. केंद्र द्वारा ₹500 और ₹1,000 के नोटों को बंद करने के एक दिन बाद जब यह पूछा गया कि क्या ₹2000 के नोट में सैटेलाइट ट्रैकिंग को सक्षम करने के लिए एक चिप है, तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, "आपको यह कहां से पता चला? इसके बारे में मैंने नहीं सुना."
सोशल मीडिया पर अफवाहों में दावा किया गया था कि नोट में एक चिप लगी हुई थी, जो एक ढेर को एक साथ रखने पर इसे पहचानने योग्य बनाती थी, और इसे उपग्रह के माध्यम से भी ट्रैक किया जा सकता था.
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