आरक्षण के 50 फीसदी की अधिकतम सीमा के पार जाने पर अमित शाह ने दिया स्पष्ट जवाब

अमित शाह ने कहा, 'वे मुस्लिम समुदाय, जो ओबीसी के अंतर्गत आते हैं, हम उन्हें आज भी आरक्षण देने को तैयार हैं और दे रहे हैं, लेकिन किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए.

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हुबली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कर्नाटक में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा अपनाए गए आरक्षण ‘फार्मूले' को लागू करेगी. शाह ने कहा कि भाजपा ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव में जीतने की क्षमता के आधार पर टिकट दिया है, न कि बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक के आधार पर, और कहीं भी किसी गैर-लिंगायत उम्मीदवार ने लिंगायत की जगह नहीं ली है.

"जगदीश शेट्टर इस बार चुनाव नहीं जीतेंगे"
शाह ने दावा किया कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टर इस बार चुनाव नहीं जीतेंगे. उन्होंने बताया कि हुबली-धारवाड़ ने हमेशा भाजपा को वोट दिया है. शाह ने कहा, ‘‘मैं कर्नाटक के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि बोम्मई सरकार द्वारा दलितों के बीच उप-श्रेणी आरक्षण (आंतरिक आरक्षण) सहित आरक्षण का जो भी फॉर्मूला अपनाया गया है, हम उसे धरातल पर उतारेंगे. यह हमारा वादा है.'

"मुस्लिम आरक्षण देने के लिए किसका कम करेंगे"
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण असंवैधानिक है और संविधान के तहत इसकी कभी भी 'अनुमति' नहीं होगी. आरक्षण के 50 फीसदी की अधिकतम सीमा के पार जाने पर शाह ने कहा, ‘‘इसे अदालत में चुनौती दी गई है, इसके आदेश का इंतजार कीजिए.'' केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि वे एक बार फिर मुस्लिम आरक्षण लाएंगे. मैं उनसे पूरी विनम्रता के साथ पूछना चाहता हूं कि आप इसे वापस लाने के लिए किसे कम करेंगे? क्या आप वोक्कालिगा को कम करेंगे या लिंगायत या दलित या एसटी को. कांग्रेस को इस बारे में स्पष्टीकरण देना होगा.''

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"लिंगायतों के लिए कांग्रेस ने क्या किया"
अमित शाह ने कहा, 'वे मुस्लिम समुदाय, जो ओबीसी के अंतर्गत आते हैं, हम उन्हें आज भी आरक्षण देने को तैयार हैं और दे रहे हैं, लेकिन किसी को भी धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए, यह संविधान की मूल भावना है.' शाह ने कहा कि लिंगायत की जगह किसी गैर-लिंगायत को टिकट दिए जाने का एक भी उदाहरण भाजपा में नहीं है. उन्होंने यह पूछकर कांग्रेस पर निशाना साधा कि कांग्रेस पार्टी ने इस समुदाय के लिए क्या किया. शाह ने कहा, ‘‘अपने इतिहास में, कांग्रेस ने दो लिंगायतों को मुख्यमंत्री बनाया, दोनों को अपमानित किया गया और हटा दिया गया. एक को इंदिरा गांधी ने हटा दिया, जबकि दूसरे को राजीव गांधी द्वारा अपमानित किया गया और हवाई अड्डे से ही हटा दिया गया. मैं पाटिल साहेब (वीरेंद्र पाटिल) के बारे में बोल रहा हूं. कांग्रेस इस पर नहीं बोल सकती.''

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‘‘टिकट जीतने की योग्यता के आधार पर दिए"
गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा सभी समुदायों का सम्मान करती है और सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश करती है. शाह ने कहा, 'भाजपा हमेशा मुख्य प्रणाली में परिवारवाद के खिलाफ है, कई जगहों पर पार्टी कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्य चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भाजपा परिवारवाद का पालन करती है.'' मुसलमानों को भाजपा से टिकट नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘टिकट जीतने की योग्यता के आधार पर दिए गए हैं, हम बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक की अवधारणा में विश्वास नहीं करते हैं.'

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