जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में मतदाता सूची (Voters List) के रिवीजन के जरिये 25 लाख (@5 Lakhs) बाहरी लोगों के वोटर्स बन जाने की खबरों को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी जैसे दलों समेत गुपकार गठबंधन ने इस मुद्दे पर 22 अगस्त को बैठक बुलाई है. वहीं कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया है. इस बीच केंद्रशासित प्रशासन ने इस मुद्दे पर सफाई पेश करते हुए कहा है कि ये वोटर लिस्ट का संक्षिप्त पुनरीक्षण को कुछ निहित स्वार्थ के तहत गलत तरीके से पेश किया जा रहा है. प्रशासन ने कहा कि कश्मीरी प्रवासियों के मतदाता सूची से जुड़ने को लेकर प्रावधानों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. वोटर्स लिस्ट के रिवीजन में स्थानीय निवासी भी दायरे में होंगे.
केंद्रशासित प्रदेश के सूचना विभाग की ओर से जारी एक विज्ञापन में कहा गया है कि चुनाव आयोग समय समय पर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कराता रहता है. प्रशासन ने कहा कि मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि पुनरीक्षण प्रक्रिया शुरू होने के बाद 25 लाख से अधिक मतदाता सूची में शामिल हो जाएंगे.प्रशासन ने कहा, ‘यह कुछ निहित स्वार्थों द्वारा तथ्यों की गलत व्याख्या है. मतदाता सूची में संशोधन से जम्मू कश्मीर के मौजूदा निवासियों को शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह वृद्धि मुख्यत: उन नए मतदाताओं को शामिल किये जाने के कारण हुई है, जो अब 18 वर्ष के हो गए हैं.'
अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन के बाद सीईओ की ‘जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में बाहरी लोगों सहित 25 लाख अतिरिक्त मतदाताओं के जोड़े जाने के आसार' वाली कथित विवादित टिप्पणी के बाद यह स्पष्टीकरण सामने आया है.राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया कि ‘गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता सूची में शामिल करना जम्मू और कश्मीर के लोगों को बेदखल करने की एक चाल है.' पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आमतौर पर रहने वाले गैर-कश्मीरियों को नौकरी, शिक्षा या व्यवसाय के लिए मतदाता के रूप में पंजीकरण की अनुमति देने का चुनाव अधिकारियों का कदम ‘‘यहां लोकतंत्र के ताबूत में आखिरी कील गाढ़ने'' के समान है.
‘नेशनल कांफ्रेंस' के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में ‘‘गैर-स्थानीय मतदाताओं को शामिल करना'' अस्वीकार्य है. उन्होंने इसे घाटी के मूल निवासियों को ‘‘शक्तिहीन करने की चाल'' करार दिया. उन्होंने कहा कि ‘नेशनल कांफ्रेंस' के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
सूचना विभाग ने कहा कि 2011 में जम्मू कश्मीर राज्य के विशेष सारांश संशोधन में प्रकाशित मतदाताओं की संख्या 66,00,921 थी और केंद्र शासित प्रदेश की मतदाता सूची में अब यह संख्या 76,02,397 है. केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा जारी स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने इसे ‘जनता की जीत' बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया और कहा कि स्पष्टीकरण ने गैर-स्थानीय लोगों को शामिल करने के विवाद को समाप्त कर दिया है.