पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार को आगामी विधानसभा चुनावों और पार्टी में जारी अंतर्कलह समेत कई मुद्दों पर NDTV से बात की. सितंबर में पंजाब के मुख्यमंत्री बनाए गए चन्नी को कई मुद्दों पर पार्टी में ही कलह का सामना करना पड़ रहा है. NDTV से बातचीत में चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ''मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं था. मैं जिस पृष्ठभूमि से आया हूं, मेरे बाप-दादा राजनीति में नहीं थे. एक आम आदमी के लिए इस सिस्टम में आना बहुत कठिन है. सबसे पहले मैंने निर्दलीय के रूप में चुनाव जीता था, मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया गया, मैंने कभी मांग नहीं की थी.''
उन्होंने कहा, मैंने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाए जाने की मांग उठाई थी, वह बीजेपी के साथ थे और अकालियों की तरह काम कर रहे थे. लेकिन मैं कोई उम्मीदवार नहीं था. यह राहुल गांधी का निर्णय था. राहुल गांधी ने मुझे मुख्यमंत्री के रूप में चुना. उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि हम आपको सीएम बना रहे हैं. मैं रोने लगा, ''ये आप क्या कर रहे हैं, मैं इस योग्य नहीं हूं.'' उन्होंने कहा, अब फैसला हो चुका है.
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चन्नी ने कहा कि राहुल गांधी क्रांतिकारी नेता हैं. देश को उनके जैसे नेता की जरूरत है. मुझे राहुल-प्रियंका पर भरोसा है, कांग्रेस पर भरोसा है. मुझे सीएम बनाकर राहुल गांधी ने युग परिवर्तन किया है और उनके इस कदम का लोग स्वागत कर रहे हैं. कांग्रेस में विरोधी गुट का जिक्र करते हुए चन्नी ने कहा कि उन्हें भी समय के साथ एहसास हो जाएगा कि राहुल गांधी ही सही हैं.
चन्नी ने कहा, ''मुझे सीएम के रूप में 4 महीने मिले हैं लेकिन मैं चार साल का काम करूंगा. ना तो मैं सोउंगा और ना ही अपने अधिकारियों को सोने दूंगा. अब सिस्टम बदल गया है.
अरविंद केजरीवाल द्वारा 'नकली केजरीवाल' कहे जाने पर सीएम चन्नी ने कहा, ''उन्हें कैसे पता दिल्ली का आम आदमी कौन है? जब उन्हें एहसास हुआ कि मुझे 'नकली आम आदमी' कह कर उन्होंने गलती कर दी है तो अब वो मुझे 'नकली केजरीवाल' कह रहे हैं. सभी वादे पहले ही पूरे किए जा चुके हैं.''
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में सीएम चन्नी ने कहा कि पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ना चाहिए ना कि चेहरे पर. उन्होंने पीएम मोदी को डिक्टेटर बताते हुए कहा कि भाजपा पीएम मोदी के नाम पर चल रही है. यह लोकतंत्र नहीं तानाशाही दर्शाता है.
किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए सीएम चन्नी ने फिर भाजपा को घेरा. उन्होंने कहा कि पंजाब के सारे किसान लंबे समय से विरोध कर रहे हैं, इसका असर पंजाब की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. कानून को जब वापस ही लेना था तो इस बनाया क्यों गया. यह देश के लिए सही नहीं है. उन्होंने कहा कि सबकुछ लुटाकर होश में आए तो क्या किया.. 700 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैं. ये कानून उसी समय वापस ले लेना चाहिए था.