जम्मू-कश्मीर में करीब 131 आतंकी सक्रिय हैं, जिनमें जिनमें 122 पाकिस्तानी नागरिक और सिर्फ 9 स्थानीय हैं. इन लोगों को ऑनलाइन रेडिकलाइज कर इस्तेमाल किया जा रहा है. इन्हें एजेंसियां 'व्हाइट-कॉलर टेररिस्ट' कह रही हैं. स्थानीय आतंकियों की संख्या बहुत कम है, जिससे आतंकवाद में भर्ती के पैटर्न में बदलाव स्पष्ट होता है.