उत्तराखंड (Uttarakhand) में समान नागरिक संहिता (UCC) का मसौदा तैयार करने वाली विशेषज्ञ समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को कहा कि समिति ने सभी हितधारकों से बात की है और उन्हें उम्मीद है कि मसौदा सभी पक्षों को पसंद आएगा. नई दिल्ली में विधि आयोग (Law Commission) के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी से मुलाकात के बाद देसाई ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्होंने उत्तराखंड में यूसीसी के मसौदे के संबंध में अभी तक हुए कार्य की जानकारी उनके साथ साझा की.
यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, न्यायमूर्ति देसाई ने बताया कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता पर अभी तक शुरुआती विचार-विमर्श का कार्य हो चुका है। उन्होंने कहा कि यूसीसी पर काफी काम किया जा चुका है और राज्य में समान नागरिक संहिता के सभी हितधारकों से चर्चा की जा चुकी है. इसके अलावा, न्यायमूर्ति देसाई ने बताया कि यूसीसी की उप समितियों ने विभिन्न धर्मों, समुदायों, हितधारकों तथा वर्गों से इस संबंध में विचार-विमर्श किया है.
उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों के साथ भी इस संबंध में बैठक कर ली गई है तथा उनके सुझाव प्राप्त कर लिए गए हैं. इससे पहले, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी समिति के हवाले से जानकारी देते हुए कहा था कि समिति यूसीसी पर मसौदा तैयार कर जून के आखिर तक सौंप देगी जिसके बाद उसे लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
पिछले साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान धामी सरकार द्वारा किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी भी एक था. धामी ने वादा किया था कि अगर भाजपा सरकार सत्ता में बरकरार रही तो प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी.
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