बंगाल के शीर्ष अधिकारी अलपन बंदोपाध्याय (Alpan Bandyopadhyay), केंद्र सरकार को रिपोर्टिंग करने के बजाय सोमवार को मुख्य सचिव के पद से ही रिटायर (Alapan Bandyopadhyay retires) हो गए. पश्चिम बंगाल और केंद्र के बीच पैदा हुए टकराव के बीच बंदोपाध्याय को ममता बनर्जी सरकार का मुख्य सलाहकार (Chief Advisor to CM Mamata Banerjee) नियुक्त किया गया है. उनकी नियुक्ति मंगलवार यानी आज से प्रभावी होगी. ऐसा होने के बावजूद उन्हें केंद्र की नाराजगी से नहीं बचाया जा सकता है. केंद्र सरकार के सूत्रों के अनुसार आदेशों की अवेहलना करने के कारण उन्हें चार्जशीट की कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. बंदोपाध्याय को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए चक्रवात यास की समीक्षा बैठक में संक्षिप्त उपस्थिति के लिए कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है.
केंद्र द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के अनुसार मुख्य सचिव को अधिकारियों द्वारा पूछा गया था कि वह समीक्षा बैठक में शामिल होना चाहते हैं या नहीं. इसके बाद वह मीटिंग रुम में मुख्यमंत्री के साथ पहुंचे और तुरंत ही वहां से चले गए. उन्हें इस नोटिस का जवाब तीन दिनों में देने के लिए कहा गया है. इसके बाद एचके द्विवेदी ने बंगाल के नए मुख्य सचिव के रूप में पदभार संभाला है.
इससे पहले बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे मुख्य सचिव को वापस बुलाने के केंद्र के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था और कहा था कि उनकी सरकार शीर्ष नौकरशाह को “कार्यमुक्त नहीं कर रही” है. ममता ने बताया कि उनके इस पत्र पर केंद्र का जवाब आया है जिसके मुताबिक बंदोपाध्याय को आज “नॉर्थ ब्लॉक” में कार्यभार संभालने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि केंद्र के पत्र में मुख्य सचिव को वापस बुलाए जाने की वजह का जिक्र नहीं किया गया है. ममता ने यहां कहा कि केंद्र किसी अधिकारी को राज्य सरकार की सहमति के बिना कार्यभार ग्रहण करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है.
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केंद्र ने एक आकस्मिक फैसले में 28 मई की रात को बंदोपाध्याय की सेवाएं मांगी थीं और शीर्ष नौकरशाह को सोमवार सुबह 10 बजे दिल्ली में कार्यभार संभालने को कहा था. केन्द्र ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान ‘‘यास'' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक को मुख्यमंत्री द्वारा महज 15 मिनट में निपटाने से उत्पन्न विवाद के कुछ घंटों के बाद दिया.