देश का विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) ने विमान संचालन कंपनी एयर इंडिया को गंभीर लापरवाही के लिए कड़ी फटकार लगाई है. एयरलाइन ने एयरबस 320 का एक ऐसा विमान लगातार उड़ाया जिसकी उड़ान योग्य होने का प्रमाणपत्र खत्म हो चुका था. इससे कई यात्रियों की जान कई बार गंभीर खतरे में पड़ी. अधिकारियों के अनुसार, एयरलाइन्स ने 164 सीट की क्षमता वाला ए320 विमान 24 और 25 नवंबर को 8 बार उड़ाया गया, जबकि उसका एयरवर्थीनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुका था. एक इंजीनियर ने इस गलती को पकड़ा और बाद में विमान को ग्राउंड किया गया.
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नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इसे गंभीर सुरक्षा नियमों का उल्लंघन मानते हुए पूरी जांच शुरू कर दी है. साथ ही घटना में शामिल कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है.पूरे मामले पर एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि हम परिचालन की सर्वोच्च मानकों वाली सुरक्षा और जिम्मेदारी बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. किसी भी अनिवार्य नियम या प्रक्रिया से ज़रा-सी भी चूक हमारे लिए बेहद गंभीर है और संगठन में बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है. हमारे एक विमान का एयरवर्थीनेस रिव्यू सर्टिफिकेट (ARC) खत्म होने के बावजूद उड़ान भरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है.
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एयरलाइन्स ने कहा कि इस बात की जानकारी जैसे ही हमें हुई हमने डीजीसीए को तुरंत सूचना दी साथ ही इस निर्णय से जुड़े सभी कर्मचारियों को आगे की जांच तक निलंबित कर दिया गया है. हमने एक विस्तृत आंतरिक जांच शुरू कर दी है और नियामक के साथ पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं. दरअसल, 12 जून को अहमदाबाद में हुई घटना के बाद एयर इंडिया लगातार सवालों की घेरे में है. ड्रीमलाइनर क्रैश में पायलट सहित कुल 260 मलोगों की मौत हुईं थी. इसके बाद से विमान संचालन कंपनी भरोसा वापस पाने की कोशिश कर रहा है. एयरलाइन बार-बार कहती है कि सुरक्षा उसकी पहली प्राथमिकता है, लेकिन इस नई घटना ने उसके सिस्टम और निगरानी पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, हाल ही में एयरबस ए320 में सॉफ्टवेयर अपग्रेड की समस्या को लेकर भी डीजीसीए ने सभी एयरलाइंस को दिशा-निर्देश जारी किया था.














