World Diabetes Day: AIIMS में आज से मरीजों को मिल रहा मुफ्त इंसुलिन इंजेक्शन, बनाए गए दो काउंटर

AIIMS में मरीजों को इंसुलिन की मुफ्त सुविधा देने के लिए एम्स ने न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी भवन के सामने अमृत फार्मेसी में दो नए काउंटर खोले गए हैं. ये काउंटर प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक काम करेंगे.

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एम्स में मरीजों के लिए मुफ्त इंसुलिन इंजेक्शन सुविधा शुरू
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विश्व मधुमेह दिवस पर दिल्ली AIIMS की बड़ी पहल
एम्स में आज से मरीजों को मिल रहा मुफ्त इंसुलिन
न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी भवन के सामने खुले 2 नए काउंटर
नई दिल्ली:

ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस (AIIMS Free Insulin Injection) में मरीजों को अब मुफ्त में इंसुलिन का इंजेक्शन दिया जाएगा. यह सुविधा आज से शुरू हो गई है. एम्स में डायबिटीज के मरीजों को मुफ्त में इंसुलिन का इंजेक्शन देने के लिए अलग से काउंटर बनाया गया है. शुरुआत में मरीजों को एक महीने की दवा दी जाएगी और बाद में इसे दो से तीन महीने तक बढ़ा दिया जाएगा. दरसल हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस साल इसे ध्यान में रखते हुए डायरेक्टर एम्स डॉक्टर एम श्रीनिवास ने यह नई पहल की है.

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AIIMS में मरीजों को मिल रहा फ्री इंसुलिन

मरीजों को इंसुलिन की मुफ्त सुविधा देने के लिए एम्स ने न्यू राज कुमारी अमृत कौर ओपीडी भवन के सामने अमृत फार्मेसी में दो नए काउंटर खोले गए हैं. ये काउंटर प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक काम करेंगे. एम्स के मुताबिक  इंसुलिन वितरण काउंटर इंसुलिन शीशियों के सुरक्षित परिवहन और भंडारण के लिए हिंदी और अंग्रेजी में लिखित सलाह भी देगा (जो वितरण के समय सभी रोगियों को दी जाएगी).  जिन रोगियों को लंबी दूरी की यात्रा करनी है उन्हें इंसुलिन शीशियों को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए जमे हुए आइस पैक भी दिए जाएंगे.

AIIMS की नई पहल से मरीजों को राहत

देश में बड़ी संख्या में लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. मधुमेह की बड़ी वजह पेनक्रियाज के बीटा सेल और लीवर में चर्बी जमा होना है. ऐसे में एम्स की फ्री इंसुलिन देने की पहल मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है. एम्स में सिर्फ दिल्ली एनसीआर से ही नहीं बल्कि देश-दुनिया के मरीज भी अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं. इसकी वजह सिर्फ इलाज सस्ता होना ही नहीं बल्कि विश्व स्तरीय मेडिकल सुविधा होना है. अस्पताल में ज्यादातर वह मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, जो आर्थिक रूप से प्राइवेट इलाज करा पाने में या दवाएं खरीद पाने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में एम्स की नई पहल से मरीजों को काफी राहत मिलेगी. 

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