RRTS में किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों की पहचान के लिए लगी है AI आधारित सुरक्षा प्रणाली

स्टेशनों में प्रवेश के समय यात्रियों की सुरक्षा जांच मल्टी जोन डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) द्वारा की जा रही है. डीएफएमडी यात्रियों की सिर से पैर तक पूरी जांच करता है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
प्रत्येक नमो भारत ट्रेनों में 36 कैमरे हैं.
नई दिल्ली:

भारत के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के अंतर्गत प्रायोरिटी सेक्शन का हाल ही में उद्घाटन किया गया है. 21 अक्टूबर 2023 से इसे यात्री सेवा के लिए भी खोल दिया गया है. यात्री सेवा के पहले दिन 10,000 से अधिक यात्रियों ने सवारी का आनंद लिया. यात्रियों और आरआरटीएस इनफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के साथ ही किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों की पहचान और बचाव के लिए एनसीआरटीसी ने आधुनिकम तकनीकों पर आधारित परिष्कृत सुरक्षा प्रणाली स्थापित की है. यह सुरक्षा प्रणाली नवीनतम तकनीकों से लैस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से भी युक्त है. 

साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो के सभी 5 स्टेशनों में चारों ओर निरंतर सीसीटीवी निगरानी कार्यरत है.  यहां दो- स्तरीय निगरानी सुनिश्चित की गई है. एक स्टेशन स्तर पर और दूसरा केंद्रीय स्तर पर. पूरे सिस्टम में कहीं भी कोई भी संदिग्ध व्यवहार या गलत हरकत इन सीसीटीवी कैमरों में आसानी से कैद हो जाएगी. 

प्रत्येक नमो भारत ट्रेनों में 36 कैमरे हैं. जो किसी भी अनधिकृत प्रवेश, लावारिस सामान, भीड़भाड़ आदि के बारे में अलर्ट जारी करेंगे. एक डेडिकेटेड सुरक्षा नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे यात्रियों की सरंक्षा और सुरक्षा पहलुओं की निगरानी कर रहा है और सभी सुरक्षा कर्मचारियों के साथ लगातार संपर्क में रहता है. 

स्टेशनों में प्रवेश के समय यात्रियों की सुरक्षा जांच मल्टी जोन डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) द्वारा की जा रही है. डीएफएमडी यात्रियों की सिर से पैर तक पूरी जांच करता है और इस तरह किसी भी संदिग्ध वस्तु को स्टेशन के अंदर पहुंचने से रोकेगा. इसके अलावा, स्टेशन प्रवेश पर बैगेज स्कैनर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की खूबी से लैस होंगे, जो सभी प्रकार के सामान को आसानी से स्कैन करने में सक्षम होंगे.

इन एआई तकनीकों में डुअल व्यू जेनरेटर एक्स-रे बैगेज इंस्पेक्शन सिस्टम शामिल है. इसकी मदद से स्कैनर से गुजरने वाले बैग के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों की तस्वीरें कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देंगी और एआई सिस्टम स्वचालित रूप से प्रतिबंधित/निषिद्ध वस्तुओं की पहचान करेगा और ऑपरेटर को चेतावनी दे देगा. यह आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंस से युक्त उपकरण यात्रियों की सुरक्षा को और पुख्ता करने में सहायक साबित होगा.

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी स्टेशनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) को सौंपी है और प्रायोरिटी सेक्शन के स्टेशनों पर सुरक्षा बल की तैनाती पहले ही की जा चुकी है. एनसीआरटीसी ने उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल के इन तैनात सदस्यों को परिचालन प्रक्रियाओं के साथ-साथ विभिन्न अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों के उपयोग और आपातकालीन स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने का प्रशिक्षण भी दिया है.

Advertisement

यूपी पुलिस द्वारा थानों में कानून-व्यवस्था संबंधी अपराधों की जांच एवं रोकथाम के लिए क्विक रिएक्शन टीम, बम डिटेक्शन एवं डिस्पोजल स्क्वाड तथा डॉग स्क्वायड टीम आदि को भी तैनात किया गया है. सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में खोले गए प्रायोरिटी सेक्शन नेटवर्क के लिए गाजियाबाद कमिश्नरेट में एक पुलिस स्टेशन को नामित किया है और कानून-व्यवस्था लागू करने के लिए प्रत्येक आरआरटीएस स्टेशन पर एक पुलिस पोस्ट का भी प्रावधान किया है.

एनसीआरटीसी नवीनतम तकनीक और एआई का उपयोग करके सुरक्षा जांच में लगने वाले समय को यथासंभव कम करने का प्रयास कर रहा है, ठीक उसी तरह जैसे इस रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम में नमो भारत ट्रेनों द्वारा यात्रा के समय को कम किया गया है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Maharashtra Exit Poll: महायुति करेगी वापसी या MVA को मिलेगी सत्ता? | City Center
Topics mentioned in this article