"शुरुआत से विरोध के खिलाफ": बीजेपी की बबीता फोगाट और साक्षी मलिक आमने-सामने

बबीता फोगाट ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता राजनीतिक लाभ के लिए विरोध करने वाले पहलवानों की भावनाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने साक्षी मलिक पर हमला किया और उन्हें "कांग्रेस की कठपुतली" कहा.

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बबीता फोगाट ने एक बयान में साक्षी मलिक को कांग्रेस की कठपुतली बताया है (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

ओलंपियन पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने शनिवार को पोस्ट किए गए पहलवान साक्षी मलिक के वीडियो पर अपने ट्विटर हैंडल से एक बयान जारी किया. इसमें उन्होंने साक्षी को  "कांग्रेस की कठपुतली" कहा. कल पोस्ट किए गए वीडियो में साक्षी मलिक और उनके पति पहलवान सत्यव्रत कादियान ने पहलवानों के विरोध का समर्थन करने और विरोध करने वाले पहलवानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करने के लिए बबीता फोगाट को धन्यवाद दिया था. 

बबीता फोगाट ने एक ट्वीट में साक्षी मलिक और उनके पति द्वारा किए गए दावों का खंडन किया. बबीता फोगाट ने ट्वीट किया- ''एक कहावत है कि जिंदगी भर के लिए आपके माथे पर कलंक की निशानी पड़ जाए. बात ऐसी ना कहो दोस्त की कहकर फिर छिपानी पड़ जाए.'' 

उन्होंने कहा कि, ''मुझे कल बड़ा दुख भी हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उनके पतिदेव का वीडियो देख रही थी. सबसे पहले तो मैं यह स्पष्ट कर दूं कि जो अनुमति का कागज छोटी बहन दिखा रही थी उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरी सहमति का कोई प्रमाण नहीं है और ना ही दूर-दूर तक इससे मेरा कोई लेना देना है. मैं पहले दिन से कहती रही हूं कि प्रधानमंत्री पर एवं देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास रखिए, सत्य अवश्य सामने आएगा. एक महिला खिलाड़ी होने के नाते मैं सदैव देश के सभी खिलाड़ियों के साथ थी, साथ हूं और सदैव साथ रहूंगी.'' 

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बबीता फोगाट ने कहा कि, ''मैं धरने -प्रदर्शन के शुरुआत से इस चीज के पक्ष में नहीं थी. मैंने बार-बार सभी पहलवानों से यह कहा कि आप प्रधानमंत्री या गृहमंत्री जी से मिलो, समाधान वहीं से होगा. लेकिन आपको समाधान दीपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस, प्रियंका गांधी और उसके साथ आ रहे उन लोगों द्वारा दिख रहा था जो खुद बलात्कारी एवं अन्य मुकदमे के दोषी हैं. लेकिन देश की जनता अब इन विपक्ष के चेहरों को पहचान चुकी है. अब देश के सामने आकर उन्हें उन सभी जवानों, किसानों और उन महिला पहलवानों की बातों का जवाब देना चाहिए जिनकी भावनाओं की आग में इन्होंने अपनी राजनीति की रोटी सेंकने का काम किया. जो महिला खिलाड़ी धरने पर साथ बैठे थे उनके विचारों को सभी पूर्वाग्रहों के साथ ऐसी दिशा दी जहां बस आपके राजनीतिक फायदे दिख रहे थे.'' 

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उन्होंने कहा कि, ''आज जब आपका यह वीडियो सबके सामने है, उससे अब देश की जनता को समझ में आ जाएगा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के पवित्र दिन आपका विरोध और राष्ट्र के लिए जीता हुआ मेडल गंगा में प्रवाहित करने की बात कितना देश को शर्मसार करने जैसा था.''  

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बबीता फोगाट ने कहा कि, ''बहन हो सकता है आप बादाम के आटे की रोटी खाते हों, लेकिन गेहूं की तो मैं ओर मेरे देश की जनता भी खाती ही है, सब समझते हैं. देश की जनता समझ चुकी है कि आप कांग्रेस के हाथ की कठपुतली बन चुकी हो. अब समय आ गया है कि आपको आपकी वास्तविक मंशा बता देनी चाहिए क्योंकि अब जनता आपसे सवाल पूछ रही है.''

इसके कुछ मिनट बाद ही साक्षी मलिक ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर बीजेपी नेता बबीता फोगाट पर हमला करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि बबीता पहलवानों के विरोध का इस्तेमाल स्वार्थ के कारण कर रही हैं.

साक्षी मलिक ने रविवार को ट्वीट किया, ''वीडियो में हमने तीरथ राणा और बबीता फोगाट पर तंज कसा था कि कैसे वे अपने स्वार्थ के लिए पहलवानों को इस्तेमाल करना चाह रहे थे और कैसे पहलवानों पर जब विपदा पड़ी तो वे जाकर सरकार की गोद में बैठ गए. हम मुसीबत में जरूर हैं लेकिन हास्यबोध इतना कमजोर नहीं हो जाना चाहिए कि ताकतवर को काटी चुटकी पर आप हंस भी न पाएं.''

इससे पहले शनिवार को सत्यव्रत कादियान ने वीडियो में कहा था, ''हम भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध करते रहे हैं क्योंकि उन्होंने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया. वे कुश्ती महासंघ को चलाने के दौरान कई घोटालों में भी शामिल रहे हैं. हमारे खिलाफ एक नैरेटिव चलाया जा रहा है, अफवाहें फैलाई जा रही हैं और मीडिया का एक वर्ग भ्रामक खबरें पेश कर रहा है. इस वीडियो का उद्देश्य हमारी सच्चाई को साझा करना है.''

सत्यव्रत कादियान ने कहा कि उनकी लड़ाई बृजभूषण के खिलाफ है, जिन पर कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. सत्यव्रत कादियान ने कहा, "हमने कई बार कहा है कि हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ है, जिन्होंने अपराध किए हैं."

उन्होंने दावा किया कि कुश्ती से जुड़े करीब 90 फीसदी लोग इस बात से वाकिफ हैं कि, ''पिछले 10 से 12 साल से महिला पहलवानों के साथ क्या किया जा रहा है.''

उन्होंने कहा, 'मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि कुश्ती से जुड़े 90 फीसदी लोग, जिनमें खुद पहलवान और उनके कोच भी शामिल हैं, यह जानते थे कि पिछले 10 से 12 सालों से हमारी महिला पहलवानों के साथ क्या हो रहा है. कुछ कोच मीडिया के सामने भी सबूत लेकर आए.” 

पहलवानों के विरोध के पीछे राजनीति होने और उन्हें कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा द्वारा उकसाए जाने के दावों पर उन्होंने कहा, "हम पर पहले भी राजनीति से प्रेरित होकर विरोध करने का आरोप लगाया गया था. यह कहा गया था कि कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने विरोध शुरू करने के लिए उकसाया था. हमने जनवरी में यह विरोध शुरू किया था और इससे पूर्व दो भाजपा नेताओं से अनुमति मांगी थी. हमारे पास इसका सबूत है."

साक्षी मलिक ने भी स्पष्ट किया कि पहलवान पहले कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ सामने क्यों नहीं आईं. साक्षी मलिक ने वीडियो में कहा, "हम पर बहुत लंबे समय तक चुप रहने का आरोप लगाया गया था, हालांकि इसके कई कारण हैं. हम एकजुट नहीं थे और दूसरी बात पीड़ितों में नाबालिग भी थीं. वह (नाबालिग पहलवान, जिसने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था और जिसकी शिकायत पर POCSO का मामला दर्ज किया गया था) ने आईपीसी की धारा 161 और 164 के तहत अपने बयान दिए. हालांकि बाद में वह अपने बयान से मुकर गई क्योंकि उसके परिवार को धमकी दी गई थी." 

वीडियो के अंत में उन्होंने यह कहते हुए कि सभी को अन्याय के खिलाफ खड़ा होना चाहिए, लोगों को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया.

ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित अन्य पहलवान यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर इस साल की शुरुआत से ही राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.

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