कोच्चि के बाद अब पटना में होगी पटना में 'वाटर मेट्रो'! गंगा नदी पर जल्‍द शुरू होगी सर्विस 

पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पटना में जल्द ‘वाटर मेट्रो’ सेवाएं शुरू होने की घोषणा करते हुए शनिवार को कहा कि शहर गंगा पर अंतर-देशीय जल परिवहन प्रणाली का केंद्र बन जाएगा.

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  • पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पटना में जल्द ही वाटर मेट्रो सेवाओं के आरंभ की घोषणा की है.
  • वाटर मेट्रो प्रणाली गंगा नदी के दोनों किनारों को जोड़कर पटना के लिए आधुनिक और स्वच्छ शहरी परिवहन प्रदान करेगी.
  • राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक पर 1390 किलोमीटर लंबे मार्ग के तहत पटना में दो टर्मिनल और पोत मरम्मत केंद्र बनाए जाएंगे.
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पटना:

पोत परिवहन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पटना में जल्द ‘वाटर मेट्रो' सेवाएं शुरू होने की घोषणा करते हुए शनिवार को कहा कि शहर गंगा पर अंतर-देशीय जल परिवहन प्रणाली का केंद्र बन जाएगा. यह घोषणा राज्य के विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले की गई है. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में अंतर-देशीय जल परिवहन के विकास पर यहां एक परामर्श बैठक को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार माल ढुलाई, पर्यटन और स्थानीय आजीविका के लिए नदी प्रणालियों की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है. 

पटना को मिलेगीा मॉर्डन सिस्‍टम 

उन्होंने कहा, ‘वाटर मेट्रो प्रणाली नदी के दोनों किनारों को जोड़ेगी और पटना के लिए स्वच्छ, कुशल और आधुनिक शहरी परिवहन समाधान प्रदान करेगी. राष्ट्रीय अंतर-देशीय नौवहन संस्थान को नए निवेश के साथ उत्कृष्टता केंद्र के रूप में उन्नत किया जा रहा है.' 

उन्होंने कहा, 'पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के अंतर-देशीय जलमार्गों को हरित विकास और संपर्क का जीवंत इंजन बना दिया है. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में फैला राष्ट्रीय जलमार्ग इस पुनरुद्धार के केंद्र में है.' मंत्री ने कहा कि सरकार माल ढुलाई, पर्यटन और स्थानीय आजीविका के लिए नदी प्रणालियों की पूरी क्षमता का दोहन करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि बिहार एक प्रमुख अंतर-देशीय जलमार्ग परिवहन केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है.

1390 किमी लंबा होगा रास्‍ता 

सोनोवाल ने कहा कि केंद्र सरकार अंतर-देशीय जल परिवहन को भारत के टिकाऊ, बहुआयामी भविष्य का आधार बनाने के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या एक पर सभी राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि नदियां अब देश की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएं हैं.  उन्होंने कहा, 'वाराणसी से हल्दिया तक 1,390 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय जलमार्ग-एक के तहत बिहार में पटना में दो टर्मिनल का विकास होगा, साथ ही गंगा के किनारे एक पोत मरम्मत और विनिर्माण केंद्र की स्थापना भी होगी.' 

12 जिलों में होगा खास बल 

उन्होंने कहा, 'विभिन्न जिलों में सोलह सामुदायिक घाटों का निर्माण किया जाएगा और कालू घाट को अत्याधुनिक जलमार्ग केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा. राज्य में गंगा नदी के किनारे 12 जिलों में अंतर-देशीय नौवहन और जल-आधारित वाणिज्य की संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया जाएगा.' बैठक में कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, पश्चिम बंगाल के जलमार्ग और सिंचाई मंत्री मानस रंजन भुइयां और भारतीय अंतर-देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार शामिल हुए. 
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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