खेल मंत्रालय द्वारा कुश्ती फेडरेशन को निलंबित किए जाने के कुछ दिनों बाद एड हॉक कुश्ती समिति (Ad Hoc Wrestling Committee) का गठन किया गया है. विरोध प्रदर्शनों के बीच कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया गया था.
डब्ल्यूएफआई के नवनिर्वाचित प्रशासन को निलंबित करने के कुछ दिनों बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के मामलों को चलाने के लिए एक अस्थायी समिति का गठन किया है.
भूपिंदर सिंह बाजवा कर रहे हैं समिति का नेतृत्व
समिति का नेतृत्व भूपिंदर सिंह बाजवा कर रहे हैं. एमएम सोमाया और मंजूषा कंवर इसके सदस्य हैं. आईओए ने कहा कि वह निष्पक्ष खेल, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नई अस्थायी समिति की नियुक्ति कर रहा है.
आईओसी प्रमुख पीटी उषा ने कहा, "भारतीय ओलंपिक संघ को हाल ही में पता चला है कि डब्ल्यूएफआई के हाल ही में नियुक्त अध्यक्ष और अधिकारियों ने अपने स्वयं के संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए और आईओसी द्वारा समर्थित सुशासन के सिद्धांतों के खिलाफ मनमाने फैसले लिए हैं और उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना फैसलों को पलट दिया है."
इसके बाद विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट के भी संजय के चुनाव के विरोध में अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को वापस लौटाने का ऐलान किया था.
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संजय सिंह को चुना गया था डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष
गुरुवार को संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था. बृजभूषण के करीबी संजय के गुट ने इन चुनाव में 15 में से 13 पद जीते थे. पहलवानों ने इससे पहले मांग की थी कि बृजभूषण का कोई भी करीबी डब्ल्यूएफआई प्रशासन में नहीं होना चाहिए.
खेल मंत्रालय ने हालांकि फैसला करते समय अपने संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर नवनिर्वाचित पैनल को निलंबित कर दिया था और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को कुश्ती के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल का गठन करने के लिए कहा था.
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