बरेली केंद्रीय कारागार के जेलर और डिप्टी जेलर सहित छह जेल कर्मियों को सोमवार को अतीक अहमद के भाई और पूर्व विधायक अशरफ की अवैध रूप से मुलाकात कराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. डीजी कारागार आनंद कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जेलर राजीव मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश सिंह, हेड वार्डन बृजवीर सिंह, वार्डर मनोज गौड़, दानिश मेहंदी और दलपत सिंह को सस्पेंड किया है. जबकि डिप्टी जेलर रहे कृष्ण मुरारी को नोटिस जारी हुआ और जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को कारण बताओ नोटिस दिया गया है.
पुलिस महानिदेशक (कारागार) आनंद कुमार ने सोमवार को बताया कि बरेली केंद्रीय कारागार के छह कर्मियों को जेल के अंदर अशरफ को गलत तरीके से मुलाकात की सुविधा उपलब्ध कराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि उपमहानिरीक्षक (कारागार) आरएन पांडेय की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गयी है.
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अशरफ का भाई अतीक अहमद वर्तमान में गुजरात की जेल में बंद है. वह 2005 में तत्कालीन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है. अतीक और अशरफ पर हाल ही में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के सिलसिले में भी मामला दर्ज किया गया था.
पूर्व विधायक अशरफ भी राजू पाल हत्याकांड में आरोपी है.
इससे पहले, सात मार्च को पुलिस ने एक जेल कैंटीन आपूर्तिकर्ता दयाराम और जेल प्रहरी शिव हरि अवस्थी (जिन्हें बाद में निलंबित भी कर दिया गया था) को लोगों से मिलने और उन्हें बाहरी वस्तुओं की आपूर्ति करने में अशरफ की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
बाद में 10 मार्च को दो और राशिद और फुरकान को भी गिरफ्तार किया गया, जो अशरफ के निर्देश पर काम करते थे. अशरफ जुलाई 2020 से बरेली जेल में बंद है.
जेल में बंद पूर्व विधायक अशरफ और उसके करीबी सहयोगियों के बीच अवैध मुलाकात कराने और इसमें जेल के अंदरूनी लोगों की संलिप्तता के मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया था.
इससे पहले, पिछले महीने चित्रकूट जेल के आठ जेल कर्मियों को मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी और उनकी पत्नी निखत बानो की जेल के अंदर मुलाकात कराने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. (भाषा इनपुट के साथ)