'सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले' में ED का एक्शन, ABG Shipyard के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज

सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विशेष रूप से बैंक ऋण की कथित ‘हेराफेरी (Diversion)’, जनता के पैसे लूटने के लिए मुखौटा कंपनियों के गठन तथा कंपनी के अधिकारियों और अन्य की भूमिका पर गौर करेगा.

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एबीजी शिपयार्ड के खिलाफ सीबीआई के बाद अब ईडी की कार्रवाई (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंकों के समूह के साथ 22,842 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड (ABG Shipyard Ltd), उसके पूर्व प्रमोटरों के साथ अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला (Money Laundering Case) दर्ज किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. 

ईडी ने सीबीआई के कथित तौर पर देश के सबसे बड़े बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है.

सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं के सीबीआई की शिकायत और फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट देखने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

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सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) विशेष रूप से बैंक ऋण की कथित ‘हेराफेरी (Diversion)', जनता के पैसे लूटने के लिए मुखौटा कंपनियों के गठन तथा कंपनी के अधिकारियों और अन्य की भूमिका पर गौर करेगा.

सीबीआई ने मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल के साथ अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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कर्ज की 'हेराफेरी' करके कंपनी की विदेशी सब्सिडरी में किए गए 'भारी निवेश' के मामले भी ईडी की जांच का हिस्सा होंगी. सूत्रों ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग की बात सही पाए जाने पर ईडी आरोपियों की संपत्ति अटैच करने की प्रक्रिया भी शुरू कर सकती है. 

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