'आप' विधायक आतिशी ने प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र की मंशा पर जताया संदेह, पूछे चार सवाल..

आतिशी के अनुसार, केंद्र सरकार ने ऑर्डिनेंस के माध्यम से 28 अक्टूबर 2020 को नेशनल एयर क्वालिटी कमीशन का गठन किया. इसे प्रदूषण फैलाने के दोषियों को 5 साल तक के लिए जेल भेजने तक का अधिकार मिला, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया.

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आतिशी का आरोप है, प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र सरकार गंभीर नहीं है
नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक आतिशी  (Atishi Marlena) ने नेशनल एयर क्‍वालिटी कमीशन (National air quality commission) के मुद्दे पर केंद्र सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाए हैं. उन्‍होंने इस मामले में केंद्र सरकार से चार सवाल पूछे हैं. आतिशी ने पूछा है कि पराली जलने पर हरियाणा पंजाब यूपी राजस्थान पर कौन एक्शन लेगा, दिल्ली के 300 किमी की परिधि में नियमों का उल्लंघन करते हुए 13 पावर प्लांट चल रहे हैं, उस पर कौन एक्शन लेगा, दिल्ली एनसीआर में 5000 से ज्यादा ईंट भट्टी हैं, जो पुरानी टेक्नोलॉजी से चल रहीं हैं और प्रदूषण फैला रहीं हैं, इन पर कौन एक्शन लेगा और हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में कई इंडस्ट्री दुनिया के सबसे खतरनाक प्रदूषक पेट कोक का इस्तेमाल करते हैं, इन पर कौन एक्शन लेगा?

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 आतिशी ने कहा कि इस इस मामले में लीगल एक्शन पर विचार कर रहे हैं. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री तक भी इस मामले को पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी की विधायक ने कहा, 'दिल्ली के प्रदूषण के दो स्त्रोत हैं. दिल्ली का अपना प्रदूषण और बाहर से आने वाला प्रदूषण. इसकी हिस्सेदारी 60 फीसदी है. दिल्ली सरकार के प्रयासों से 25 फीसदी प्रदूषण कम हुआ है. हम इलेक्‍ट्रॉनिक व्‍हीकल (EV) पॉलिसी लेकर आए हैं. इसके अलावा थर्मल पावर प्लांट बंद किया और पराली का डिकम्पोजर समाधान निकाला. आतिशी ने कहा कि ग्रीन दिल्ली ऐप के जरिए हम काम कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार बाहर से आने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाती है.

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आतिशी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने बार-बार केंद्र को लिखा कि इस पर सख्त कार्रवाई हो, आदित्य दुबे नाम के आदमी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की और इस पर केंद्र सरकार ने ऑर्डिनेंस के माध्यम से 28 अक्टूबर 2020 को नेशनल एयर क्वालिटी कमीशन का गठन किया. इसे प्रदूषण फैलाने के दोषियों को 5 साल तक के लिए जेल भेजने तक का अधिकार मिला, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया. उन्‍होंने कहा कि हमने जब कमीशन से मिलने की कोशिश की तो पता चला कि कमीशन को ऑफिस तक अलॉट नहीं हुआ है.नियमतः ऑर्डिनेंस आने के 6 महीने के भीतर संसद में उसका बिल रखना होता है, लेकिन बजट सत्र में यह बिल संसद में पेश नहीं हुआ और वो बिल लैप्स हो गया. आतिशी ने कहा कि जो एकमात्र कदम, केंद्र सरकार ने प्रदूषण के मुद्दे पर अन्य राज्यों पर एक्शन लेने वाला उठाया था, वो भी अब लैप्स हो गया है

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