विभिन्न आपराधिक मामलों में बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अंसारी के भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने बताया कि मंगलवार तड़के उन्हें मोहम्मदाबाद थाने से संदेश प्राप्त हुआ कि मुख्तार की तबीयत खराब है और उसे बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को पिछले 18 महीने में 8 मामलो में सजा मिल चुकी है, उसके खिलाफ अलग अलग जिलों के थानों में कुल 65 मुकदमे दर्ज है,18 वर्षो से मुख्तार अंसारी जेल में बंद है.
मुख्तार अंसारी को इन मामलों में हुई सजा:
13 मार्च 2024 : मुख्तार अंसारी को फर्जी लाइसेंस केस को आईपीसी की धारा 428, 467, 468 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप सिद्ध होने के बाद सजा का ऐलान किया गया. कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा 2 लाख 2 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
15 दिसंबर 2023: रूंगटा परिवार को बम से उड़ाने की धमकी मामले में 5 साल की जेल और 10 हजार रुपये का जुर्माना.
5 जून 2023 : चचित अवधेश राय हत्याकांड में उम्र कैद की सजा.
29 अप्रैल 2023: गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर एमपी- एमएलए कोर्ट एएसजे- चतुर्थ ने 10 साल के सश्रम कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना.
25 फरवरी 2023: आर्म्स एक्ट और 5-टाडा एक्ट के तहत नई दिल्ली में दर्ज केस में एएसजे साउथ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 10 साल सश्रम कारावास और 5.55 लाख रुपये की सजा सुनाई.
15 दिसंबर 2022: गैंगस्टर एक्ट में गाजीपुर एमपी- एमएलए कोर्ट ने सुनाई 10 साल के सश्रम कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना.
21 सितंबर 2022 : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी को काम से रोकने और धमकाने के मामले में सुनाई सजा. लखनऊ के आलमबाग में दर्ज केस की धारा 353 के तहत दो साल की कैद एवं 10 हजार रुपये जुर्माना, धारा 504 के तहत दो साल की कैद एवं 2 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 506 में 7 साल की कैद एवं 25 हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई गई.
23 सितंबर 2022 : लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो साल की कैद और 10 हजार रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई।
दो केस में मिली हुई है राहत
मुख्तार अंसारी को दो मामलों में राहत मिली हुई है. आर्म्स एक्ट और 5-टाडा एक्ट के तहत नई दिल्ली में दर्ज केस में एएसजे साउथ डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ओर से 25 फरवरी 2003 को सुनाई गई सजा के खिलाफ अपील की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने 21 अप्रैल 2005 को इस मामले में सुनवाई के बाद मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया. वहीं, 15 दिसंबर 2023 को एमपी- एमएलए कोर्ट की ओर से रूंगटा परिवार को धमकी देने के मामले में सुनाई गई सजा पर भी रोक लगाई गई है. इस फैसले पर 16 जनवरी 2024 को प्रभारी जिला जज की कोर्ट ने रोक लगाई.
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