1984 सिख विरोधी दंगा : सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय से दो हफ्ते में मांगी स्टेटस रिपोर्ट

1984 सिख विरोधी दंगा मामले में तमाम आरोपियों के बरी होने और बंद किए गए लगभग 200 मामलों को फिर से खोलने की संभावना की जांच जस्टिस ढ़ींगरा कमेटी ने की थी. केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
नई दिल्ली:

2018 में सिख विरोधी दंगों के मामलों की जांच के लिए बनाए गए जस्टिस एसएन ढींगरा की अध्यक्षता वाली SIT की सिफारिशें लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने MHA से दो हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.

⁠दरअसल,  गृह मंत्रालय ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से दो सप्ताह का समय मांगा है. केन्द्र सरकार की तरफ से पेश हुई एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि जस्टिस ढ़ींगरा कमेटी की कुछ सिफारिशों को लागू किया गया है. कुछ कदम उठाए गए हैं. कुछ अपील दायर की गई हैं.

1984 सिख विरोधी दंगा मामले में तमाम आरोपियों के बरी होने और बंद किए गए लगभग 200 मामलों को फिर से खोलने की संभावना की जांच जस्टिस ढ़ींगरा कमेटी ने की थी. केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.

वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई और सिख समुदाय के लोगों की हत्याएं हुईं थीं. नानावती आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 1984 के दंगों के संबंध में दिल्ली में कुल 587 प्राथमिकी दर्ज की गईं. दंगों में कुल 2,733 लोग मारे गए थे. 

Featured Video Of The Day
Child Trafficking: देश में हजारों बच्चों की चोरी के पीछे है ये वजह | NDTV Campaign