बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पहुंचे 19 बारहसिंघा, 50 हेक्टेयर क्षेत्र में इनके लिए तैयार किया गया है बाड़ा

पूरे प्रोजेक्ट में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि बारहसिंघा को उनके स्वभाव के अनुरूप वातावरण दिया जाए, जिससे वो न सिर्फ यहां पल-बढ़ सकें, बल्कि वंशवृद्धि से उनका यह नया रहवास बन जाए.

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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से विलुप्त हो चुके बारहसिंघा को एक बार पुनः बांधवगढ़ में बसाने के चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट पर वन विभाग ने अमल शुरू कर दिया है. कान्हा से बांधवगढ़ पहुंची 19 बारहसिंघा की पहली खेप से इसकी शुरुआत कर दी गई है. अगले तीन सालों 100 बारहसिंघा कान्हा से लाकर बांधवगढ़ में बसाए जाएंगे. इसके लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा खास इंतजाम किए गए हैं.

बांधवगढ़ में बारहसिंघा को रखने के लिए 50 हेक्टेयर क्षेत्र में बड़ा इनक्लोजर (बाड़ा) तैयार किया गया है. यहीं इन बारहसिंघा को रखा जाएगा. इनक्लोजर का डिजाइन इस तरीके से तैयार किया गया है कि इसमें बाघ के साथ ही अजगर जैसे सांप भी प्रवेश नही कर पाएंगे. तीन साल बाद जब ये बारहसिंघा बांधवगढ़ की आबोहवा में घुलमिल जाएंगे, तब इन्हें स्वच्छंद विचरण के लिए खुले जंगल मे छोड़ दिया जाएगा.

पूरे प्रोजेक्ट में इस बात का खास ख्याल रखा गया है कि बारहसिंघा को उनके स्वभाव के अनुरूप वातावरण दिया जाए, जिससे वो न सिर्फ यहां पल-बढ़ सकें, बल्कि वंशवृद्धि से उनका यह नया रहवास बन जाए. आज दोपहर बाद जैसे ही बारहसिंघा से भरे हुए खास वाहन कान्हा से बांधवगढ़ पहुंचे वन कर्मियों ने मगधी गेट पर तालियों की गड़गड़ाहट से उनका जोरदार स्वागत कर पार्क के अंदर प्रवेश दिलाया. पहली खेप में आए 19 बारहसिंघा में 11 नर और 8 मादा बारहसिंघा हैं.

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