देश में कोरोना वायरस के जेएन.1उप स्वरूप के 162 मामलों की पुष्टि : आईएनसएसीओजी

आईएनसएसीओजी के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में देश में 145 संक्रमितों के जेएन.1 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, जबकि नवंबर में ऐसे 17 मामले सामने आए थे.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins

नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस के उप स्वरूप जेएन.1 के अबतक कुल 162 मामले आए हैं. इनमें भी केरल में सबसे अधिक 83 लोग इस उप स्वरूप से संक्रमित हैं, जबकि 34 मामलों के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है. इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनसएसीओजी) द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
आंकड़ों के मुताबिक, कई राज्यों ने पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के मामलों में वृद्धि की जानकारी दी है और नौ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अब तक वायरस के उप स्वरूप जेएन.1 से संक्रमण की पुष्टि की है.

आईएनसएसीओजी के मुताबिक, कोरोना वायरस के उप स्वरूप जेएन.1 से संक्रमण के केरल में 83, गुजरात में 34, गोवा में 18, कर्नाटक में आठ, महाराष्ट्र में सात, राजस्थान में पांच, तमिलनाडु में चार, तेलंगाना में दो और दिल्ली में एक मामले की पुष्टि हो चुकी है.

आईएनसएसीओजी के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में देश में 145 संक्रमितों के जेएन.1 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, जबकि नवंबर में ऐसे 17 मामले सामने आए थे.

Advertisement

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जेएन.1 को इसके तेजी से प्रसार को देखते हुए ‘ विशेष निगरानी' की श्रेणी में वर्गीकृत किया है, लेकिन कहा कि यह वैश्विक लोक स्वास्थ्य को ‘कम' जोखिम पैदा करता है.

Advertisement

केंद्र सरकार ने देश में कोविड के मामलों की संख्या में वृद्धि और जेएन.1 उप स्वरूप की उपस्थिति की पुष्टि होने के बीच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निरंतर सतर्क रहने को कहा है.

Advertisement

ये भी पढ़ें :

पाकिस्‍तान: आतंकी हाफिज सईद का बेटा लड़ेगा आम चुनाव, लश्‍कर में पिता के बाद माना जाता है 'नंबर-2'
पाकिस्‍तान को सबसे अधिक संख्या में आतंकियों को पनाह देने की ‘अनूठी विशिष्टता' हासिल है: भारत
पाकिस्तान के आतंकी हाफिज सईद का बहनोई अब्दुल मक्की ग्लोबल टेररिस्ट घोषित, चीन ने कही ये बात

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Election Results: आखिर हर चुनाव में Rahul Gandhi क्यों हो जाते हैं फिसड्डी? आंकड़ों से समझिए
Topics mentioned in this article