बच्चों के वैक्सीन की 1 करोड़ डोज इस महीने के अंत तक तैयार : सूत्र

जायकोव-डी (ZyCoV-D) वैक्सीन को स्किन में जेट इंजेक्टर में दिया जाएगा. बाकी वैक्सीन मांसपेशियों (मसकल) में दी जाती है. इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है.

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जायडस कैडिला की जायकोव-डी वैक्सीन दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन है.
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus infection) से लड़ाई के मोर्चे पर जायडस कैडिला (Zydus Cadila Vaccine) की वैक्सीन जायकोव-डी (ZyCoV-D) अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते से बच्चों को लगनी शुरू होगी. ये वैक्सीन 12 साल या इससे ऊपर के 18 साल के बच्चों को दी जा सकती है. इस वैक्सीन की खासियत ये है कि दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन (DNA Vaccine) है. 12 साल या इससे ऊपर के उम्र के बच्चों को तीन डोज में ये वैक्सीन दी जाएगी. वैक्सीन की पहली डोज के बाद 28वें दिन दूसरी डोज और 56 दिन पर या इसके बाद तीसरी डोज दी जाएगी.

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इस वैक्सीन के लिए सबसे बड़ा ट्रायल भी किया गया है. इस वैक्सीन का ट्रायल करीब 28000 पार्टिसिपेंट्स पर किया गया है. भारत में जो कोविड वैक्सीन व्यस्कों को दी जा रही है, उससे ये अलग इसलिए भी है, क्योंकि ये नीडल फ्री वैक्सीन है. जायकोव-डी (ZyCoV-D) वैक्सीन को स्किन में जेट इंजेक्टर में दिया जाएगा. बाकी वैक्सीन मांसपेशियों (मसकल) में दी जाती है. इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है.

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