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This Article is From Dec 05, 2012

लालू की टिप्पणी पर सदन गर्माया, कार्यवाही बाधित

लालू की टिप्पणी पर सदन गर्माया, कार्यवाही बाधित
नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता लालू प्रसाद यादव द्वारा लोकसभा में बीजेपी सदस्य के खिलाफ की गई एक टिप्पणी पर सदन में माहौल इतना गर्म हो गया कि सदन की बैठक को करीब सवा तीन बजे 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा।

इसके बाद लालू प्रसाद ने अपनी इस टिप्पणी को वापस ले लिया और उसके बाद ही कार्यवाही सुचारू रूप से चल सकी। मल्टी-ब्रांड रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर सदन में बहस चल रही थी। आसन की ओर से अपना नाम पुकारे जाने पर लालू भाषण के लिए खड़े हुए।

इसी बीच, बीजेपी के किसी सदस्य ने लालू को इंगित करते हुए कहा कि उधर (सत्ता पक्ष) चले जाइए। इस पर लालू गुस्सा गए और उन्होंने बीजेपी सदस्य विष्णुपद राय के खिलाफ कोई टिप्पणी की, जिस पर समूचा विपक्ष उत्तेजित हो गया।

बीजेपी के अनंत कुमार अड़ गए कि जब तक लालू माफी नहीं मांगेंगे, उन्हें उनकी बात रखने नहीं देंगे। उधर, लालू ने कहा कि उन्होंने कुछ भी असंसदीय नहीं कहा है और वह माफी नहीं मांगेंगे। बीजेपी सदस्य और लालू प्रसाद के अपने अपने रुख पर कायम रहने के कारण सदन में गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो गई।

संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ ने लालू की सीट पर जाकर उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। कमलनाथ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और कोई भी भड़काने वाली बात नहीं कहने की अपील की। सदन में गतिरोध बने रहने पर उपाध्यक्ष करिया मुंडा ने बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही स्थगित रहने के दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और बीजेपी संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी शब्दकोश में टिप्पणी का अर्थ खोजते देखे गए।

उधर सपा के शैलेन्द्र कुमार ने चुटकी लेते हुए लालू की टिप्पणी को जम्हूरियत से जोड़ दिया, जिस पर आसपास खड़े सदस्यों के साथ ही मीडिया गैलरी में मौजूद पत्रकार भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए। सदन की बैठक तीन बजकर 25 मिनट पर दोबारा शुरू होने पर पीठासीन सभापति पीसी चाको ने लालू का नाम पुकारा, लेकिन वह अपनी सीट पर नहीं थे। इस पर चाको ने बीजेपी सदस्य मुरली मनोहर जोशी को अपनी बात रखने की अनुमति दी।

इसी बीच, लालू प्रसाद सदन में लौट आए। सदस्यों ने उन्हें देखते ही फुसफुसाना शुरू कर दिया, आ गए, आ गए। लालू ने कहा कि लोगों ने किताब में शब्द का अर्थ खोजा है और वह असंसदीय पाया गया है, इसलिए मैं अपनी बात वापस लेता हूं। मुरली मनोहर जोशी ने इस पर कहा कि पहले ही वापस ले लेते, तो बहुत कुछ होने से बच जाता। इसके बाद सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल पड़ी।

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रिटेल में एफडीआई, लालू यादव, एफडीआई पर बहस, FDI In Retail, Lalu Yadav, FDI Debate
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