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गया : बिहार के गया में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प में एक तरफ जहां दर्जनभर पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं वहीं दूसरी तरफ गुस्साए पुलिसकर्मियों ने बालू माफियाओं के समर्थन में उतरे लोगों पर जमकर लाठियां बरसाई. इस घटना में कई महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पत्थरबाजी और आगजनी में शामिल महिलाओं की पुलिस ने हाथ पीछे बांधकर जमकर पिटाई की है. इस घटना में घायल दोनों पक्ष से लोगों का इलाज स्थानीय निजी और सरकारी अस्पताल में कराया जा रहा है. बिहार में इस तरह की घटनाएं अब आम हो गई हैं.
मेन थाना के आढ़तपुर गांव में मोरहर नदी में बालू घाट के सीमांकन करने गए पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई, जिसमें नौ पुलिसकर्मी और दो दर्जन से अधिक ग्रामीण घायल हुए हैं. जख्मी पुलिसकर्मियों का इलाज स्थानीय सीएचसी में कराया गया.
खनन विभाग द्वारा मेन थाना के आढ़तपुर गांव के समीप मोरहर नदी में किए गए बालू घाट के बंदोबस्ती के बाद खनन का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर पुलिस ने जमकर लाठी बरसाई. मंगलवार को भारी संख्या में सशस्त्र बल के जवानों के साथ जिले के कई थानों की पुलिस के साथ सदर एसडीओ के नेतृत्व में घाट के सीमांकन के लिए पहुंचे थे. इस दौरान दोनों तरफ से विवाद बढ़ता गया, जिसने पथराव का रूप धारण कर लिया.
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इस दौरान आत्मरक्षा में पुलिस ने पांच राउंड आंसू गैस के गोले दागे. वहीं ग्रामीणों के द्वारा किए गए पथराव में नौ पुलिसकर्मी जख्मी हो गए. पुलिस बल के जवानों ने भी ग्रामीणों पर जमकर लाठी बरसाईं. जिसमें दो दर्जन से अधिक महिला-पुरूष गंभीर रूप से जख्मी हो गए. जिनका इलाज स्थानीय स्तर पर निजी चिकित्सकों के द्वारा किया जा रहा है.
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घटना के संबंध में प्रभारी विधि व्यवस्था डीएसपी पीएन शाहू ने बताया कि मोरहर नदी में बंदोबस्त बालू घाट के सीमांकन करने गए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों आढ़तपुर गांव के ग्रामीणों ने रोड़ेबाजी की, जिसमें नौ पुलिस कर्मी जख्मी हो गए. वहीं घटना में नौ लोगों की गिरफ्तारी की गई है.