टोरंटो में खालिस्तान समर्थकों की रैली को लेकर कनाडाई उच्चायुक्त को तलब किया भारत ने

वहीं कनाडा ने सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे पोस्टरों में भारतीय अधिकारियों का नाम होने पर भारत को उसके राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है और खालिस्तान की एक रैली से पहले प्रसारित हो रही ‘‘प्रचारात्मक सामग्री’’ को ‘‘अस्वीकार्य’’ बताया है.

Advertisement
Read Time: 24 mins
टोरंटो की प्रतीकात्मक फोटो

भारत ने टोरंटो में खालिस्तान समर्थकों की रैली को लेकर कनाडाई उच्चायुक्त को तलब किया है. बता दें कि 2 जुलाई को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में खालिस्तान समर्थकों ने आगजनी और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया था, हालांकि गनीमत रही कि इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ और आग पर कुछ ही देर में काबू पा लिया गया था. अमेरिका ने भी इस घटना को अपराधिक कृत्य बताते हुए इसकी निंदा की.

Advertisement

वहीं कनाडा ने सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे पोस्टरों में भारतीय अधिकारियों का नाम होने पर भारत को उसके राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त किया है और खालिस्तान की एक रैली से पहले प्रसारित हो रही ‘‘प्रचारात्मक सामग्री'' को ‘‘अस्वीकार्य'' बताया है. कनाडा की विदेश मंत्री मिलानी जॉली का यह बयान तब आया है जब एक दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने कनाडा, ब्रिटेन तथा अमेरिका जैसे अपने साझेदार देशों को ‘‘चरमपंथी खालिस्तानी विचारधारा'' को तवज्जो न देने के लिए कहा है क्योंकि यह उनके रिश्तों के लिए ‘‘सही नहीं'' है. राजनयिकों की सुरक्षा के लिए कनाडा की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए जॉली ने वियना संधि के प्रति देश के अनुपालन का उल्लेख किया. उन्होंने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘कनाडा राजनयिकों की सुरक्षा के संबंध में वियना संधियों के तहत अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेता है.''

उन्होंने कहा, ‘‘कनाडा 8 जुलाई को नियोजित एक प्रदर्शन के संबंध में ऑनलाइन प्रसारित हो रही कुछ प्रचारात्मक सामग्री को लेकर भारतीय अधिकारियों के करीबी संपर्क में है. यह प्रचारात्मक सामग्री अस्वीकार्य है.'' जॉली ने इस बात पर भी जोर दिया कि कुछ लोगों के कृत्यों को ‘‘पूरे समुदाय या कनाडा की सहमति नहीं है.''

Advertisement

जयशंकर ने कनाडा में खालिस्तानी पोस्टरों पर भारतीय राजनयिकों का नाम होने की खबरों के बारे में कहा है कि इस मुद्दे को कनाडा सरकार के समक्ष उठाया जाएगा. नयी दिल्ली में सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के जनसम्पर्क अभियान कार्यक्रम से इतर जयशंकर ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि ‘चरमपंथी, अतिवादी' खालिस्तानी सोच भारत या अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों के लिए ठीक नहीं है.

Advertisement

विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों, जहां खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं, उनसे आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो नहीं दें, क्योंकि उनकी (खालिस्तानियों की) चरमपंथी, अतिवादी सोच न तो हमारे लिए, न ही उनके लिये और न ही उनसे (उन देशों से) हमारे संबंधों के लिए ठीक है.''

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘ हम पोस्टर के मुद्दे को वहां की (कनाडा की) सरकार के साथ उठायेंगे। मेरा मानना है कि अब तक ऐसा (कनाडा की सरकार के समक्ष मुद्दे को उठाने का काम) पहले ही किया जा चुका होगा.''

Advertisement

भारत ने पिछले महीने ब्रैम्पटन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को दर्शाते हुए कथित तौर पर झांकी निकाले जाने की घटना के दृश्य सोशल मीडिया पर आने के बाद कनाडा पर अलगाववादियों एवं चरमपंथियों को महत्व देने को लेकर निशाना साधा था. जयशंकर ने इस पर कहा था कि खालिस्तान के मुद्दे पर कनाडा की प्रतिक्रिया उसकी ‘वोट बैंक की बाध्यताओं' से प्रेरित नजर आती है और अगर ऐसी गतिविधियों से राष्ट्रीय सुरक्षा एवं अखंडता पर प्रभाव पड़ता है तो भारत प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा.

(इनपुट्स भाषा से भी)

Featured Video Of The Day
Barbados Hurricane: Barbados में Storm में फंसी भारतीय टीम, Airport बंद होने की वजह से होटल में रहने को मजबूर
Topics mentioned in this article