विशेषज्ञों का कहना है कि युवा और महिलाएं में मल्टीपल स्केलेरोसिस से (MS) अधिक प्रभावित होती हैं. मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक जटिल, दीर्घकालिक, स्व-प्रतिरक्षात्मक और तंत्रिका संबंधी बीमारी है जो मुख्य रूप से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है, जिससे कई प्रकार के लक्षण और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में 1.8 मिलियन से अधिक लोग मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित हैं. कईअध्ययनों के अनुसार, भारत में मल्टीपल स्क्लेरोसिस प्रति 100,000 लोगों में से 7 से 30 के बीच है.
गुरुग्राम के मारेंगो एशिया हॉस्पिटल्स के न्यूरोसाइंसेज और न्यूरोसर्जरी विभाग के वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. हिमांशु चंपानेरी ने आईएएनएस को बताया, ''एमएस किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, हालांकि 20 से 40 वर्ष की आयु के लोगों में इसको अधिक देखा गया है. महिलाएं असमान रूप से इससे प्रभावित होती हैं. उनमें पुरुषों की तुलना में इस स्थिति के होने की संभावना दो से तीन गुना अधिक होती है.''
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मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण- (Symptoms Of Multiple Sclerosis)
सामान्य लक्षणों में सुन्नता या संवेदी हानि, अंगों या चेहरे में पेरेस्थेसिया, दृष्टि हानि, एक या अधिक अंगों में कमजोरी, चलते समय दोहरी दृष्टि असंतुलन और मूत्राशय संबंधी समस्याएं जैसे पेशाब रोकने या पेशाब करने में कठिनाई शामिल है. इसके अलावा, कुछ रोगियों को गर्दन की हरकतों के साथ रीढ़ की हड्डी में करंट जैसा महसूस होता है. आमतौर पर यह लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक विकसित होते हैं, जो उन्हें स्ट्रोक के लक्षणों से अलग करते हैं, जो सेकंड से लेकर मिनटों में तेजी से शुरू होते हैं.
एस्टर आर.वी. अस्पताल के न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. नीरज बालैनी ने आईएएनएस को बताया कि एमएस का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है. उन्होंने कहा, ''एमएस के जोखिम कारकों में आनुवंशिक प्रवृत्ति, कुछ वायरल संक्रमण (जैसे एपस्टीन-बार वायरस और ह्यूमन हर्पीज वायरस-6), धूम्रपान और विटामिन डी की कमी शामिल है.'' डॉक्टर ने आगे बताया कि एमएस में मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में नसों के चारों ओर इन्सुलेटिंग आवरण, माइलिन, नष्ट हो जाता है. यह डिमाइलिनेशन तंत्रिकाओं में विद्युत संकेतों को बाधित करता है, जिसके परिणामस्वरूप एमएस के कई लक्षण उत्पन्न होते हैं.
डॉ. नीरज ने कहा कि गंभीर माइलिन क्षति के परिणामस्वरूप तंत्रिका तंतुओं की भी क्षति हो सकती है. उन्होंने कहा, एमएस का इलाज संभव है, लेकिन इसे ठीक नहीं किया जा सकता. उपचार के बिना मरीज बार-बार होने वाले हमलों से विकलांग हो सकता है.'' "उन्होंने कहा, "एमएस के मनोवैज्ञानिक प्रभाव और एमएस के कारण होने वाले संभावित न्यूरोएंडोक्राइन परिवर्तनों के कारण एमएस वाले लोगों में स्ट्रेस अधिक होता है."
मल्टीपल स्क्लेरोसिस से कैसे करें बचाव- (Prevention Of Multiple Sclerosis)
विशेषज्ञों ने एमएस के प्रबंधन के लिए दवाओं के साथ-साथ बैलेंस डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल पर जोर दिया. उन्होंने कहा, ''हेल्दी और पौष्टिक डाइट लेना, वजन कंट्रोल रखना, शराब और तंबाकू से बचना, बैलेंस डाइट बनाए रखना, अच्छी नींद लेना तथा हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को मैनेज करना, स्वस्थ न्यूरॉन्स को संरक्षित करने और पूरे हेल्थ को बनाए रखने में मदद कर सकता है. एमएस के प्रबंधन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए शारीरिक व्यायाम भी महत्वपूर्ण है.
डॉ. हिमांशु ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए निवारक उपाय करना मददगार हो सकता है. कुछ वायरल संक्रमण एमएस को ट्रिगर करने के लिए जाने जाते हैं और आनुवंशिक परामर्श उन लोगों के लिए मददगार हो सकता है जिनके परिवार में बीमारी का इतिहास रहा है.
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