World Breastfeeding Week 2021: Needs And Benefits Of Breastfeeding For Six Months After Baby Birth

World Breastfeeding Week 2021: मां के दूध में पोषक तत्व, खनिज, विटामिन, प्रोटीन, वसा, एंटीबॉडी और ऐसे प्रतिरोधक कारक मौजूद होते हैं, जो नवजात शिशु के विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं. इसलिए 6 महीनों तक शिशु को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए.

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World Breastfeeding Week: 6 महीनों तक शिशु को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए.

World Breastfeeding Week 2021: मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत की तरह होता है. इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार शिशु जब तक छह महीने का नहीं हो जाता है, तब तक के लिए उसे सिर्फ स्तनपान कराना चाहिए. जन्म के छह महीने तक मां का दूध ही बच्चे के लिए जरूरी सम्पूर्ण आहार होता है. मां के दूध में पोषक तत्व, खनिज, विटामिन, प्रोटीन, वसा, एंटीबॉडी और ऐसे प्रतिरोधक कारक मौजूद होते हैं, जो नवजात शिशु के विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी होते हैं. इसलिए 6 महीनों तक शिशु को मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए. 6 महीने तक मां का दूध पीने वाले बच्चे, जिन्हें किसी कारणवश मां का दूध नहीं मिल पाता है, उनसे ज्यादा स्वस्थ होते हैं.

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1. अच्छा सम्पूर्ण आहार

मां का दूध शिशु के लिए आवश्यक और उसका सम्पूर्ण आहार होता है. मां के दूध में मौजूद सभी पोषक तत्व उसके के सम्पूर्ण विकास का काम करते हैं.

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2. स्वस्थ पाचन तंत्र

मां का दूध, शिशु के पाचन क्रिया के लिए सबसे अच्छा आहार होता है. इसमें मौजूद पोषक तत्वों को शिशु पचाने में आसानी होती है. इसके अलावा मां के दूध में लाभकारी प्रोबियोटिक होते हैं, जो शिशु के पाचन तंत्र में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन दूर करते हैं.

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3. शारीरिक विकास

शिशु के जन्म के तुरंत बाद निकलने वाला मां का पहला दूध कोलोस्ट्रम विटामिन ए और एंटीबॉडी युक्त होता है, जो नवजात शिशु की जरूरत के अनुसार विकास करता है. इसके अलावा दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम आदि तत्व उनके शारीरिक विकास में मदद करते हैं.

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4. प्रतिरोधक क्षमता

मां के दूध में उच्च प्रोटीन और एंटीबॉडी मौजूद होते हैं, जो शिशु को सर्दी-जुकाम, छाती में इनफेक्शन और कान आदि के संक्रमण से बचाते हैं. साथ ही शिशु की भी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं.

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5. मानसिक विकास

मां के दूध में लौंग-चैन पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो शिशु का मानसिक विकास करता है, साथ ही इससे शिशु का दिमाग भी तेज होता है.

6. एलर्जी से छुटकारा

मां का दूध बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित होता है. जिससे उनमें एलर्जी की समस्या कम होती है, जबकि अन्य प्रकार के दूध से एलर्जी होने की हमेशा आशंका रहती है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है

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