विश्व अस्थमा दिवस (World Ashtma Day 2023) हर साल मई महीने में पहले मंगलवार को मनाया जाता है, इस साल 2 मई को दुनिया भर में वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाएगा. विश्व स्तर पर अस्थमा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उदेश्य से इस दिवस की शुरुआत 1993 में ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा के नेतृत्व में स्वास्थ्य देखभाल करने वाली संस्थाओं ने मिलकर किया गया. अस्थमा या दमा फेफड़ों से जुड़ी एक बीमारी है. इस बीमारी में श्वसन नली में सूजन आने के कारण सांस लेने में परेशानी होने लगती है. जानते हैं सांस की इस गंभीर बीमारी के सिम्टम, कारण (Causes) और बचाव के उपाय….
अस्थमा के लक्षण
अस्थमा के कई लक्षण होते हैं. इनमें कफ या सूखी खांसी, सीने में भारीपन और जकड़न की फीलिंग, सांस लेने में परेशानी, सांस लेते समय घबराहट जैसी आवाजें, ठंडी हवा में सांस लेने में परेशानी, जोर लगाकर सांस लेने से थकान का अनुभव शामिल है. गंभीर स्थिति में बार बार उल्टी की परेशानी भी होती है.
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अस्थमा के कारण
बढ़ता प्रदूषण अस्थमा का सबसे बड़ा कारण है. धूल और धुएं के कारण बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके साथ ही ठंड, फ्लू और मौसम में बदलाव भी कारण बन जाते हैं. पराग कणों (pollen grains) और अन्य चीजों से एलजी भी इसका कारण हो सकती है. कई बार इसका कारण अनुवांशिक होता है यानी परिवार में किसी को ये बीमारी होने से इसके होने का खतरा ज्यादा हो सकता है.
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अस्थमा से बचाव के उपाय
अस्थमा से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है. इस बीमारी के ग्रसित लोगों को धूल और प्रदूषण भरे वातावरण से बचना चाहिए. बहुत ज्यादा गर्म या नमी वाली जगह उनके लिए सुरक्षित नहीं होती है. एलर्जी के कारण अस्थमा हो तो ऐसी चीजों से बचना चाहिए जिनसे एलर्जी का खतरा हो. हमेशा गर्म या गुनगुने पानी का ही उपयोग करना चाहिए. अस्थमा के मरीजों को डाइट पर ध्यान देना चाहिए. हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना चाहिए. विटामिन ए, सी और ई युक्त आहार लेना फायदेमंद साबित होगा. इसके साथ ही लहसुन, अदरक और हल्दी से अस्थमा से लड़ने की शक्ति मिलेगी.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.