डॉक्टर के बताए इन टिप्स को फॉलो कर अल्जाइमर रोगी की देखभाल करना हो जाएगा आसान, जानें क्या करें और क्या नहीं

World Alzheimer's Day 2023: यहां शेयर किए गए टिप्स को फॉलो करके केयर टेकर अल्जाइमर रोगियों की अच्छे से देखभाल कर सकते हैं.

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World Alzheimer's Day 2023: देखभाल के लिए परिवार और दोस्तों से मदद लें.

World Alzheimer's Day 2023: अल्जाइमर रोग पूरी दुनिया के लिए एक चुनौती बन गया है, जो लाखों लोगों को प्रभावित कर रहा है और भारत भी इस बढ़ती चिंता से अछूता नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, ये मनोभ्रंश का सबसे आम रूप है. इसके अलावा भारत में 60 साल और उससे ज्यादा आयु के वयस्कों में अल्जाइमर का अनुमानित प्रसार 7.4 है. अल्जाइमर एसोसिएशन के अनुसार, 60 साल से ज्यादा आयु के लगभग 8.8 मिलियन भारतीय डिमेंशिया से पीड़ित हैं. जैसे-जैसे ये संख्या बढ़ती जा रही है, इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने की तत्काल जरूरत है. अल्जाइमर से पीड़ित अपने प्रियजनों की वेलबीइंग के लिए देखभाल करने वालों की भूमिका भी उतनी ही बड़ी है.

इसलिए, देखभाल करने वालों को शिक्षित करना और उन्हें अपने प्रियजनों को बेहतर देखभाल और सहायता प्रदान करने के लिए सशक्त बनाने के लिए व्यावहारिक सलाह देना जरूरी है, साथ ही हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स से भी सलाह ली जानी चाहिए.

अल्जाइमर रोगियों की देखभाल करने वालों के लिए टिप्स | Tips for caregivers of Alzheimer's patients

1. बीमारी को समझना

देखभाल करने वाले अल्जाइमर के बारे में खुद को शिक्षित करके शुरुआत कर सकते हैं. वे बीमारी के लक्षणों, स्टेज और प्रोग्रेस के बारे में खुद को शिक्षित कर सकते हैं. बीमारी की प्रकृति को समझने से उन्हें बेहतर देखभाल और सहायता प्रदान करने में मदद मिल सकती है.

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2. स्ट्रक्चर्ड रूटीन बनाना

एक डेली रूटीन बनाएं जिसमें लगातार भोजन का समय, दवा का शेड्यूल और एक्टिविटीज शामिल हों. पूर्वानुमान अल्जाइमर के रोगियों में चिंता और भ्रम को कम कर सकता है.

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3. कम्युनिकेशन

धैर्य और सहानुभूति के साथ बात करें. आंखों का संपर्क बनाए रखते हुए धीरे और स्पष्ट रूप से बोलें. सरल भाषा का प्रयोग करें और भारी प्रश्नों से बचें. इसके अलावा रोगी की जरूरतों और भावनाओं को समझने के लिए सक्रिय रूप से सुनना जरूरी है.

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4. सुरक्षा का ख्याल

अल्जाइमर के रोगियों को भटकने और दुर्घटनाओं का खतरा हो सकता है. देखभाल करने वाले अगर जरूरी हो तो उन्हें बिना निगरानी के बाहर घूमने से रोकने के लिए दरवाजों पर ताले लगा सकते हैं.

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5. पोषण और हाइड्रेशन

डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए बैलेंस डाइट लें और उनके लिक्विड के सेवन की निगरानी करें. पोषक तत्वों से भरपूर भोजन और हाइड्रेशन पर ध्यान दें.

6. अट्रैक्टिव एक्टिविटीज

उनकी पसंद और क्षमताओं के अनुरूप अट्रैक्टिव एक्टिविटीज के जरिए से कॉग्नेटिव फंक्शन को बढ़ावा दें. पहेलियां, आर्ट, म्यूजिक और मेमोराइजेशन एक्टिविटी फायदेमंद हो सकती हैं. रोग बढ़ने पर एक्टिविटीज को अपनाएं.

7. खुद की भी करें देखभाल

अल्जाइमर से पीड़ित किसी व्यक्ति की देखभाल करना भावनात्मक और शारीरिक रूप से थका देने वाला हो सकता है. देखभाल करने वालों को उनकी वेलबीइंग को नजरअंदाज उपेक्षा नहीं करना चाहिए. परिवार, दोस्तों से सहायता मांगने और नियमित ब्रेक लेने से रिचार्ज करने और बर्नआउट को रोकने में मदद मिल सकती है.

जबकि देखभाल करने वाले सहायता प्रदान कर सकते हैं, अल्जाइमर को प्रभावी ढंग से मैनेज करने के लिए एक हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स से सलाह लेना लेना जरूरी है. इसके अलावा, डॉक्टर बीमारी की प्रोग्रेस को धीमा करने, लक्षण मैनेज करने और सहायता सेवाएं प्रदान करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं.

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देखभाल करने वाले क्या करें और क्या न करें?

क्या करना चाहिए:

शिक्षित रहें: बीमारी और इसकी प्रोग्रेस को बेहतर ढंग से समझने के लिए अल्जाइमर के बारे में खुद को शिक्षित करें.
धैर्यवान और दयालु रहें: अल्जाइमर के रोगी आपके लिए चुनौती खड़ी कर सकते हैं. सहानुभूति और समझ के साथ उनसे संपर्क करें.
एक हेल्थ सिस्टम बनाए रखें: परिवार और दोस्तों से मदद लें या केयरगिवर सपोर्ट सिस्टम में शामिल होने पर विचार करें.
इंडिपेंडेंसी को बढ़ावा दें: अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को गरिमा और ऑटोनोमी की भावना बनाए रखने के लिए ऐसे कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें जिन्हें वे स्वयं कर सकते हैं.

क्या नहीं करना चाहिए:

बहस न करें या सुधार न करें: किसी व्यक्ति के साथ बहस करने से बचें, क्योंकि इससे निराशा हो सकती है.
अपनी जरूरतों को नजरअंदाज न करें: देखभाल करने वाले अक्सर अपनी वेलबीइंग को नजरअंदाज करते हैं. याद रखें कि बेहतर देखभाल के लिए अपना ख्याल रखना न भूलें.
अलग-थलग न रहें: अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को सामाजिक रूप से व्यस्त रखें और प्रियजनों के साथ उनके संबंध बनाए रखें.

अल्जाइमर से पीड़ित किसी व्यक्ति की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही जानकारी, सपोर्ट और संसाधनों के साथ, देखभाल करने वाले अपने प्रियजन की लाइफ क्वालिटी में बड़ी अंतर ला सकते हैं.

(डॉ. अरुण गर्ग, अध्यक्ष- न्यूरोलॉजी (स्ट्रोक), इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंसेज, मेदांता, गुरुग्राम)

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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