45 पार कर चुकी महिलाओं को रेगुलर करने चाहिए ये योगासन, मेनोपॉज के लक्षणों को ठीक करने में मिलेगी मदद, मिलेंगे जबदरस्त फायदे

Yoga Poses For Menopause: इस लेख में हम योग आसनों की एक लिस्ट शेयर कर रहे हैं जिन्हें आप नियमित रूप से कर सकते हैं अगर आप मेनोपॉज के करीब हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
भुजंगासन रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन में सुधार करता है और पीठ दर्द से राहत देता है.

Women's Health: मेनोपॉज के करीब पहुंच रही महिलाओं के लिए योग फायदेमंद हो सकता है. योग तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जो मेनोपॉज के दौरान आम लक्षण हैं. यह रीढ़ की हड्डी की फ्लेसिबिलिटी में भी सुधार कर सकता है और पीठ दर्द को कम कर सकता है, जो मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में बढ़ सकता है. योग छाती को खोलने और पॉजिशन में सुधार करने में भी मदद करता है. यह बैलेंस और स्थिरता में सुधार करता है. हमने यहां योग आसनों की एक लिस्ट शेयर की है जिन्हें आप मेनोपॉज के करीब पहुंचने पर रेगुलर रूप से कर सकते हैं.

मेनोपॉज के करीब पहुंच रही महिलाओं के लिए बेस्ट योग आसन:

1. विपरीत करणी

इस पॉजिशन में आपको अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर रखना होता है. ऐसा करने के लिए आप अपनी पीठ के बल लेटते हैं और अपने पैरों को 90 डिग्री के कोण पर जमीन से ऊपर उठाते हैं. आप आगे अपने पैरों को आगे उठाने के लिए धक्का देने के लिए अपनी आर्म्स का उपयोग करें. इस बिंदु पर शरीर के एकमात्र हिस्से जो जमीन को छू रहे हैं वे हैं आपका सिर, भुजाएं (कंधे से कोहनी तक) और पीठ का ऊपरी हिस्सा. आपके पैर की उंगलियां आसमान की ओर होनी चाहिए. हालांकि, इस आसन को आराम से करने में समय और अभ्यास लगता है. इसलिए आप अपने पैरों को 90 डिग्री के कोण पर टिकाने के लिए दीवार के सहारे का उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं. शुरुआत में इस आसन को बेहतर ढंग से करने के लिए आप बाहरी सहारे से शरीर को ऊपर उठाने के लिए अपनी पीठ के निचले हिस्से के नीचे 1-2 तकिए रख सकते हैं.

यह भी पढ़ें: सालों से है पतला शरीर और दिखता है हड्डियों का ढांचा, तो 15 दिन तक आटे को इन 4 तरीकों से खाएं, चढ़ने लगेगा मांस और भर जाएगा शरीर

Advertisement

2. भुजंगासन

फर्श पर मुंह जमीन की ओर करके लेट जाएं. अब अपनी हथेलियों को अपनी तरफ रखें और धीरे-धीरे अपने धड़ को ऊपर उठाएं. इस बिंदु पर शरीर का एकमात्र हिस्सा जो जमीन को छू रहा है वह आपकी हथेलियां और निचला शरीर होना चाहिए. 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें और छोड़ें. रोजाना 3-4 बार दोहराएं.

Advertisement

3. बालासन

अपने पैरों को मोड़कर सीधे बैठें. इस समय आपके पैर ऊपर की ओर होने चाहिए. अब धीरे-धीरे अपने धड़ को फर्श पर आगे की ओर झुकाएं. इस बिंदु पर, जहां तक संभव हो, आपकी आर्म्स भी आगे की ओर फैली होनी चाहिए. आपका चेहरा और आपकी हथेलियां भी फर्श की ओर होनी चाहिए. इस स्थिति में आपकी पिंडलियां, माथा और हथेलियां सभी जमीन को छूती होनी चाहिए. यह केवल आपके शरीर को फैलाता है और एक रिलेक्सेशन पॉजिशन है. इस स्थिति में 10-15 सेकंड तक रहें और रोजाना 4-5 सेट लगाएं.

Advertisement

4. उष्ट्रासन

घुटनों के बल आराम करते हुए बैठें. आपकी जांघें आपकी पिंडलियों को नहीं छूनी चाहिए. अब धीरे-धीरे अपने हाथों को अपने टखने पर रखें. इस समय आपका चेहरा छत की ओर होना चाहिए. इस स्थिति में 10-20 सेकंड तक रहें और 3-5 मिनट तक दोहराएं.

Advertisement

यह भी पढ़ें: इन 5 लोगों को सुबह खाली पेट नहीं करना चाहिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन, बचकर रहें वर्ना हो सकती है बड़ी दिक्कत

5. ताड़ासन

अपने पैरों को अपने कंधों के बराबर दूरी पर रखकर सीधे खड़े हो जाएं. अपने हाथों को छत की ओर उठाएं. अपनी हथेलियों को खोलें और जितना संभव हो सके ऊपर की ओर खींचें. इस बिंदु पर, अपने हाथों को मिलाएं और उन्हें उलझाएं ताकि आपकी हथेलियां छत की ओर रहें. इस स्ट्रेच को 10 सेकंड तक बनाए रखें और 3-5 बार दोहराएं.

Photo Credit: iStock

6. सवासना

समतल जमीन पर लेट जाएं, हो सके तो योगा मैट पर. अपनी भुजाओं को एक तरफ रखें और अपनी हथेलियां खुली रखें. आपकी हथेलियां आसमान की ओर होनी चाहिए. आपके पैर आपके कंधों से थोड़े दूर होने चाहिए. इस समय सांस अंदर लें और छोड़ें.

क्या होता है जब स्ट्रोक का इलाज नहीं किया जाता है? | How long can a stroke go untreated?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
BJP के 'संकल्प पत्र' पर JMM ने उठाए सवाल, Supriyo Bhattacharya ये क्या कह गए
Topics mentioned in this article