Depression In Winter: गुलाबी रंगत वाली सर्दियां अक्सर खतरनाक और कई बार जानलेवा ब्लूज में तब्दील हो जाती हैं. आमतौर पर सर्दियों का इंतजार इसलिए होता है कि गर्मागर्म खाने का मजा ले सकेंगे. धूप की गर्माहट को महसूस कर सकेंगे. सब्जियों की तमाम वैरायटी का आनंद उठा सकेंगे. पर कुछ लोगों के लिए ये मजा सिर्फ बातों तक सिमटा होता है. ये सर्द मौसम शायद उनकी खुशी को भी ठंडा कर देता है. और, वो शिकार हो जाते हैं विंटर ब्लूज का. बात सिर्फ रंगो की नहीं है. ये दरअसल एक गंभीर मामला है. चूंकि नाम ही विंटर ब्लूज है तो ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका असर सर्दियों में ही होता है.
क्या है विंटर ब्लूज?
विंटर ब्लूज को सीजनल अफैक्टिव डिसॉर्डर या फिर विंटर डिप्रेशन भी कहा जाता है. सर्दियों में जैसे जैसे दिनों की लंबाई कम होती है और ठंडक बढ़ती है विंटर ब्लूज कई लोगों पर हावी होने लगते हैं. जिसका असर मानसिक अवस्था पर पड़ता है. मायूसी और उदासी लोगों पर इस कदर हावी होती है कि अक्सर वो डिप्रेशन तक का शिकार हो जाते हैं. धूप की कमी से शरीर में मेलाटोनिन हारमोन ज्यादा बनने लगता है. इस हार्मोन की अधिकता एक अन्य हार्मोन सिरोटोनिन पर असर डालती है. जिसकी वजह से मानसिक रूप से सुस्ती का अहसास होता है. दिन उबाऊ लगने लगते हैं.
क्यों है ये खतरनाक?
वैसे तो नियमित रूप से धूप सेंकने से, विटामिन डी के सेवन से विंटर ब्लूज काफी हद तक कंट्रोल किए जा सकते हैं. पर, गंभीर अवस्था में ये मर्ज काफी खतरनाक हो सकता है. विंटर ब्लूज के शिकार लोगों को नींद कम आती है. भूख लगना भी कम हो जाती है. किसी काम में मन नहीं लगता. बिना किसी बात के रोने का मन करता है. आत्मविश्वास भी कम लगता है. गंभीर स्थिति होने पर बात आत्महत्या तक जा सकती है.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.