दिवाली के बाद सांस लेना क्यों हो जाता है मुश्किल? जानिए Air Quality का शरीर पर असर और बचाव के उपाय

Diwali Air Pollution: यहां जानिए कि दिवाली के बाद हवा इतनी खराब क्यों हो जाती है, इसका हमारे शरीर पर क्या असर होता है और किन उपायों से हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

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Diwali Pollution Air Quality: दिवाली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है.

Diwali Air Pollution: दिवाली खुशियों, रोशनी और मिठाइयों का त्योहार है. लेकिन, जैसे ही पटाखों की आवाजें थमती हैं और त्योहार का उत्साह थोड़ा शांत होता है, एक और बड़ी समस्या सामने आती है, बिगड़ती हुई एयर क्वालिटी! खासकर दिल्ली-NCR जैसे शहरों में दिवाली के बाद हवा इतनी प्रदूषित हो जाती है कि सांस लेना भी मुश्किल लगने लगता है. हर साल दिवाली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ता है. इस लेख में हम जानेंगे कि दिवाली के बाद हवा इतनी खराब क्यों हो जाती है, इसका हमारे शरीर पर क्या असर होता है और किन उपायों से हम खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.

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दिवाली के बाद एयर क्वालिटी क्यों बिगड़ती है?

पटाखों का धुआं: दिवाली पर जलाए गए पटाखों से भारी मात्रा में PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण हवा में फैल जाते हैं, जो फेफड़ों में जाकर नुकसान पहुंचाते हैं.
पराली जलाना: पंजाब और हरियाणा में खेतों में पराली जलाने की प्रक्रिया दिवाली के आसपास होती है, जिससे धुआं दिल्ली तक पहुंचता है.
ठंड की शुरुआत: मौसम ठंडा होने लगता है, जिससे हवा की गति धीमी हो जाती है और प्रदूषक कण वातावरण में ही बने रहते हैं.
वाहनों की संख्या बढ़ना: त्योहारों के दौरान ट्रैफिक बढ़ता है, जिससे कार्बन और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी गैसें हवा में मिलती हैं.

शरीर पर खराब एयर क्वालिटी का असर (Effects of Poor Air Quality on The Body)

1. सांस की समस्याएं

खराब एयर क्वालिटी से खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ. अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की हालत बिगड़ सकती है.

2. दिल की बीमारियां

प्रदूषित हवा में मौजूद कण ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को प्रभावित करते हैं और हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा सकते हैं.

3. स्किन और आंखों पर असर

जब भी पॉल्यूशन लेवल बढ़ता है तो आंखों में जलन, स्किन एलर्जी और ड्राईनेस आम हो जाती है, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है.

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4. बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर

बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे उन्हें जल्दी संक्रमण होता है. बुजुर्गों को सांस और दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है.

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कैसे करें खुद को सुरक्षित?

1. मास्क पहनें: बाहर जाते समय N95 मास्क का इस्तेमाल करें, जो सूक्ष्म कणों को रोकता है.

2. घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं: अगर संभव हो तो घर में एयर प्यूरीफायर लगाएं या इनडोर प्लांट्स जैसे एलोवेरा, स्नेक प्लांट रखें.

3. सुबह-सुबह बाहर न निकलें: सुबह के समय हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित होती है, इसलिए मॉर्निंग वॉक से बचें.

4. डिटॉक्स ड्रिंक्स और हेल्दी डाइट अपनाएं: तुलसी-अदरक की चाय, नींबू-शहद पानी और हल्दी वाला दूध शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं. विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फल खाएं.

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5. योग और प्राणायाम करें: अनुलोम-विलोम और कपालभाति जैसे प्राणायाम फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं.

दिवाली के बाद एयर क्वालिटी का बिगड़ना एक गंभीर समस्या है, लेकिन थोड़ी समझदारी और सावधानी से हम खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं. साफ हवा में सांस लेना हमारा अधिकार है और इसके लिए हमें अपने स्तर पर प्रयास करने होंगे जैसे पटाखों से दूरी, पौधे लगाना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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