जब महिलाएं ज्यादा मांसाहारी या एनिमल प्रोडक्ट्स जैसे दूध और प्रोसेस्ड चीजें खाती हैं, तो इससे उनके शरीर में ज्यादा PGE2 का प्रोडक्शन हो सकता है. इससे पीरियड्स में तेज दर्द हो सकता है. इस दर्द को कम करने के लिए अंजलि मुखर्जी नॉन वेजिटेरियन डाइट, डेयरी फूड्स, शुगरी चीजें, बहुत ज्यादा नमक, शराब और फ्राइड फूड्स से परहेज करने का सुझाव देती हैं.
अंजलि मुखर्जी के अनुसार, दो महीने तक इन चीजों का सेवन न करने से PGE 1 और 3 बढ़ सकता है और PGE 2 कम हो सकता है. इससे पीरियड्स का दर्द कम हो सकता है. इसके अलावा, गामा-लिनोलेनिक एसिड और ओमेगा 3 फैट सप्लीमेंट के रूप में लेने से पीजीई 2 को सीमित करते हुए पीजीई 1 और 3 को बढ़ावा मिलता है. इसका मतलब है कि ये सप्लीमेंट पीरियड्स के दर्द को कम करने में भी मदद करेंगे.
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अंजलि मुखर्जी की रील देखें:
पोषण विशेषज्ञ अंजलि मुखर्जी ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर मेंट्रुअल हेल्थ के बारे में जानकारी शेयर की है. यहां पीएमएस मैनेजमेंट के लिए उनके द्वारा दिए गए सुझाव हैं:
1. एनिमल प्रोटीन को हफ्ते में केवल एक बार सीमित करें.
2. अपना डेली खाना पकाने का तेल प्रति व्यक्ति 3-4 चम्मच रखें.
3. नाश्ते में बादाम, अखरोट, भुनी हुई मूंगफली और सोया नट्स जैसे कच्चे मेवे खाएं.
4. राजमा, काबुली चना, काला चना, चवली बीन्स, काली दाल और मसूर जैसी साबुत दालों का सेवन बढ़ाएं.
5. व्हाइट राइस और मैदा बेस्ड फूड्स के बजाय गेहूं, ज्वार, बाजरा, नचनी रोटल्स और भूरे चावल चुनें.
6. अपनी चपातियों में गेहूं का चोकर मिलाकर फाइबर को बढ़ावा दें.
7. चपाती बनाने के लिए सोया के आटे को गेहूं के आटे के साथ मिला लें.
8. डेली 3-4 सर्विंग फल खाएं.
9. डेली कम से कम 2 कप कच्ची सब्जियां लें.
10. अगर स्तन कोमलता, क्रैम्प्स या सूजन से जूझ रहे हैं, तो कैल्शियम, विटामिन बी 6, ईवनिंग प्रिमरोज तेल और विटामिन ई जैसे सप्लीमेंट का उपयोग करने के बारे में सोचें.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.