WHO ने प्रसव के बाद ब्लीडिंग से होने वाली मौतों को रोकने के लिए जारी किए नए दिशानिर्देश

WHO Postpartum Bleeding Guidelines: पीपीएच वैश्विक स्तर पर मातृ मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है, जिससे प्रसव के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग के कारण लगभग 45,000 मौतें होती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
WHO Postpartum Bleeding Guidelines: पोस्टपार्टम ब्लीडिंग सबसे खतरनाक कॉम्प्लीकेशन है.

WHO Postpartum Bleeding Guidelines: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने प्रसव बाद रक्तस्राव (पीपीएच) की रोकथाम, डायग्नोस और इलाज के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. अंतर्राष्ट्रीय स्त्री रोग एवं प्रसूति संघ (एफआईजीओ) और इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ मिडवाइव्स ने मिलकर मातृ स्वास्थ्य दिशानिर्देश प्रकाशित किए हैं जो जच्चा की समस्याओं की शीघ्र पहचान कर त्वरित हस्तक्षेप की तत्काल जरूरत पर प्रकाश डालते हैं. पीपीएच वैश्विक स्तर पर मातृ मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है, जिससे प्रसव के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग के कारण लगभग 45,000 मौतें होती हैं.

घातक न होने पर भी यह जीवन भर के फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर प्रभाव डाल सकता है, जिसमें प्रमुख ऑर्गन डैमेज से लेकर हिस्टरेक्टॉमी (गर्भाशय को निकालना) और एंग्जाइटी तक शामिल है.

ये भी पढ़ें: सर्दियां आने से पहले आपको बदलनी होंगी ये 5 आदतें, वर्ना जल्दी पड़ सकते हैं आप बीमार

'हेल्थ प्रमोशन एंड डिजीज प्रिवेंशन एंड केयर' के सहायक महानिदेशक डॉ. जेरेमी फरार ने कहा, "पोस्टपार्टम ब्लीडिंग सबसे खतरनाक जटिलता है क्योंकि यह बहुत तेजी से बढ़ सकता है. हालांकि इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन सही देखभाल से मौत को रोका जा सकता है."

फरार ने कहा, "ये दिशानिर्देश उन जगहों के लिए हैं जहां इसकी दर सबसे ज्यादा है और संसाधन सबसे सीमित हैं. यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं प्रसव के बाद जीवित रहें और अपने परिवारों के पास सुरक्षित घर लौट सकें."

दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में '2025 एफआईजीओ वर्ल्ड कांग्रेस' में पीपीएच का पता लगाने के लिए नए डायग्नोस्टिक क्राइटेरिया भी पेश किए गए हैं. हालांकि पीपीएच का निदान आमतौर पर 500 मिली या उससे अधिक रक्त की हानि के रूप में किया जाता है, लेकिन लेटेस्ट दिशानिर्देश चिकित्सकों को सलाह देते हैं कि जब 300 मिली तक का रक्त बह जाए तो असामान्य महत्वपूर्ण संकेत मानते हुए त्वरित कार्रवाई करें.

पीपीएच का शीघ्र निदान करने के लिए डॉक्टरों और मीडवाइव्स को सलाह दी जाती है कि वे प्रसव के बाद महिलाओं की बारीकी से निगरानी करें और कैलिब्रेटेड ड्रेप्स (डिलीवरी टेबल पर रखी प्लास्टिक शीट जिसमें रक्त इकट्ठा होता है) का उपयोग करें जिससे ब्लड लॉस का सही आकलन हो सके और वे तुरंत कार्रवाई कर सकें.

Advertisement

ये भी पढ़ें: जिम छोड़िए! फिटनेस के लिए ये घरेलू काम ही हैं काफी, तन-मन दोनों रहेंगे तंदुरुस्त

ये दिशानिर्देश पीपीएच का निदान होने के तुरंत बाद 'मोटिव' एक्शन को लागू करने की सलाह देते हैं. इसमें शामिल हैं: गर्भाशय की मालिश, कॉन्ट्रैक्शन को प्रोत्साहित करने के लिए ऑक्सीटोसिक दवाएं, ब्लीडिंग को कम करने के लिए ट्रैनेक्सैमिक एसिड (टीएक्सए), इंट्रावेनस फ्लूइड, वेजाइनल और जेनाइटल ट्रैक्ट की जांच और यदि रक्तस्राव जारी रहता है तो हेल्थकेयर को और बढ़ा देना.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दुर्लभ मामलों में जहां ब्लीडिंग जारी रहती है, दिशानिर्देश महिला की स्थिति को स्थिर करने के लिए सर्जरी या ब्लड ट्रांसफ्यूजन जैसे ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं.

Advertisement

दिशानिर्देश एनीमिया जैसे गंभीर जोखिम कारकों को कम करने के लिए अच्छी प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल के महत्व पर भी जोर देते हैं. एनीमिया लो और लोअर मिडिल इनकम वाले देशों में बहुत ज्यादा प्रचलित है.

एनीमिया पीपीएच की आशंका को बढ़ाता है और यदि ऐसा होता है, तो परिणाम और भी खराब हो जाते हैं. एनीमिया से पीड़ित माताओं के लिए सिफारिशों में गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन आयरन-फोलेट का सेवन और पीपीएच के बाद या ओरल ट्रीटमेंट के विफल होने पर आवश्यकतानुसार इंट्रावेनस वेनस आयरन ट्रांसफ्यूजन शामिल है.

Advertisement

मोटापा कैसे कम करें? | मोटापा दूर करने के तरीके | Motapa Kaise Kam Kare

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव की तारीख तय, क्या बोले पक्ष-विपक्ष के नेता? | NDA | JDU | RJD