Female Contraceptive: शहर की मॉर्डन लड़की से लेकर गांव की मेहनतकश महिला तक सबके लिए बेस्ट है ये कॉन्ट्रासेप्टिव, एक्सपर्ट से जाने फायदे

एनडीटीवी ने इस बारे में एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अमृता राजदान कौल से खास बातचीत की.

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Female contraceptive: महिलाएं चाहें शहर की हों या फिर गांव की हों. पार्टीज की शौकीन महिलाएं हों या फिर खेतों में सुबह से डट जानी वाली महिलाएं हों. गर्भधारण करना हर महिला के लिए कभी टेंशन तो कभी खुशी का सबब होता है. खासतौर से एक या दो बच्चे होने के बाद महिलाएं चाहती हैं कि वो और बच्चे न करें या बच्चों के बीच में गैप रखें तो अलग अलग तरह के कॉन्ट्रासेप्टिव का सहारा लेती हैं. कई बार कॉन्ट्रासेप्टिव्स की वजह से महिलाओं को परेशानी होती है या कॉन्ट्रासेप्टिव के बाद भी गर्भ आ ही जाता है. ऐसे में ये कंफ्यूजन होता ही कि ऐसा कौन सा गर्भ निरोधक लें जो थोड़ा श्योर शॉट भी हो और जिसमें टेंशन भी कम हो. एनडीटीवी ने इस बारे में एशियन इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अमृता राजदान कौल से खास बातचीत की.

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हाईएंड सोसायटी वाली महिलाओं के लिए

डॉ अमृता के मुताबिक कुछ महिलाओं की लाइफस्टाइल में पार्टी बहुत ज्यादा शामिल होती हैं. ये महिलाएं गैदरिंग में जाने के साथ-साथ ड्रिंक करना और स्मोक करना भी प्रिफर करती है. साथ ही उनके मल्टीपल पार्टनर भी हो सकते हैं, जिनके साथ उनके शारीरिक संबंध होते हों. ऐसी महिलाओं के लिए सिर्फ हार्मोन वाला गर्भ निरोधक कारगर नहीं होता. इनके लिए कॉपर टी बेस्ट ऑप्शन है.

हालांकि सेफ सेक्स करने और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज से बचने के लिए कॉन्डम का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. डॉ अमृता के मुताबिक कॉन्ट्रासेप्टिव प्रेगनेंसी से बचा सकते हैं लेकिन एसटीडी और एसटीई से नहीं बचा सकते.

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गांव की महिलाओं के लिए

डॉ अमृता के अनुसार गांव की महिलाएं दिन भर अपने काम में व्यस्त होती हैं और अक्सर गर्भ निरोधक दवा खाना भूल जाती हैं. कभी उल्टी हो जाए, चक्कर आ जाए या सेहत में कोई और बदलाव आए तो भी वो दवा खाना भूल जाती हैं. ऐसी महिलाएं के लिए भी कॉपर टी बेस्ट ऑप्शन होता है. जिसमें एक बार कॉपर टी लगवाई तो गर्भ धारण करने का डर खत्म हो जाता है.

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डॉ अमृता के अनुसार कॉपर टी लगवाने के बाद वो शरीर के साथ एडजस्ट होने में थोड़ा समय ले सकती है. ऐसे में कॉपर टी लगवाने वाली महिलाओं को तब तक ट्रीटमेंट प्रोवाइड किया जाता है जब तक उनका शरीर कॉपर टी के साथ एडजस्ट न कर ले. इसके अलावा भी कॉपर टी के अलग-अलग ऑप्शन आते हैं. डॉ अमृता ने बताया कि एक कॉपर टी में कॉपर की जगह हार्मोन रिलीज होता है. जो यूटरस की दीवारों पर धीरे धीरे लगता रहता है और पीरियड्स कम आते हैं. इसके बाद जब भी बच्चा चाहिए हो या नॉर्मल रहना हो तो इस कॉपर टी को निकालने के बाद सामान्य साइकिल वापस शुरू हो जाती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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