Relationship: लाइफ में जीवनसाथी (Life partner) का बहुत महत्व है. हम अपनी खुशियां और परेशानी दोनों ही अपने लाइफ पार्टनर के साथ साझा करते हैं. हालांकि रिश्तों (relationships) में कभी खुशी कभी गम वाली स्थिति आती- जाती रहती है, लेकिन अगर लाइफ पार्टनर सुख-दुख का साथी न रह कर सिर्फ घर में साथ रहने वाले में बदल जाए तो यह बताता है कि रिश्ते में कहीं कुछ कमी आ गई है. लाइफ पार्टनर के साथ भावात्मक जुड़ाव (emotional connection) की कमी से लोग अकेलेपन के शिकार होने लगते हैं. ऐसी स्थिति किसी के लिए भी परेशानी का कारण बन सकती है. ऐसे में जरूरी है कि सबसे पहले इसके कारण की पहचान की जाए और फिर उन्हें ठीक करने के लिए सही कदम उठाया जाए. सबसे पहले तो लाइफ पार्टनर से इस बारे में खुल कर बात करें, ताकि वह आपकी परेशानी को समझ सके. इसके साथ ही नीचे दिए गए इन उपायों को कर सकते हैं...
अपनी देखभाल
अकेलापन मानसिक तौर पर परेशान करती है. इससे बचने के लिए खुद पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. शारीरिक, मानसिक और भावात्मक तौर पर खुद की देखभाल करने से अपने बारे में बेहतर महसूस किया जा सकता है. इससे अकेलेपन की भावना कम करने में मदद मिल सकती है. इसके साथ ही अच्छी नींद, संतुलित भोजन और दोस्तों के साथ समय गुजारने भी जरूरी है.
मदद की जरूरत
ऐसे समय में दोस्त, परिजन या थेरेपिस्ट से मदद ली जा सकती हैं. जिसके साथ भी आप अपनी बात शेयर कर सकते हैं उसे मन की बात बताएं. बात करने और विचार साझा करने से दूसरे व्यक्ति से ऐसे मामले में मदद मिलती है. मन के अंदर घुटती हुई बातों को बता देने से भी अकेलेपन की भावना को कम करने में मदद मिलती है.
साथ करें नई चीजें
रिश्तों में बढ़ती दूरी को कम करने के लिए नई चीजें एक साथ सीखने के बारे में सोचें. इसके लिए कोई हॉबी या कोई एक्टिविटी साथ की जा सकती है. ऐसे में साथ वक्त गुजारने का मौका मिलेगा और दूरी कम होगी और अकेलेपन की भावना कम होगी.
साथ लक्ष्य तय करें
जीवनसाथी से करीबी बढ़ाने के लिए साझा लक्ष्य तय करें. इससे साथ रहने का उद्देश्य मिलेगा और विचार शेयर करने के अवसर बढ़ जाएंगे. चाहे यह आर्थिक लक्ष्य हो या फिर वेकेशन प्लान. बात करने के लिए उत्साह और टॉपिक रिश्तों में फिर जान ला सकते हैं.
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