Swedana Benefits: स्वेदन क्या है? क्यों ये आयुर्वेदिक क्रिया शरीर के लिए मानी जाती है कमाल, जानें फायदे और विधि

Benefits Of Swedana: शरीर से पसीना निकलना बहुत जरूरी है. इसी के जरिए शरीर से टॉक्सिक सब्सटेंस बाहर निकलते हैं. और शरीर कई रोगों से मुक्त होता है. शरीर से निकलने वाले पसीने को ही स्वेद कहते हैं. आयुर्वेद की इस थेरेपी में भी पसीने को ही शरीर से बाहर निकाला जाता है.

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Benefits Of Swedana: इस क्रिया में शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं.

Health Benefits Of Swedana: आयुर्वेद की एक जानी मानी चिकित्सा पद्धति है स्वेदन कर्म. पद्धति को समझने से पहले ये स्वेद क्या होता है, ये जान लीजिए. शरीर से निकलने वाले पसीने के बारे में तो सभी जानते हैं. शरीर से पसीना (Sweat) निकलना बहुत जरूरी है. इसी के जरिए शरीर से टॉक्सिक सब्सटेंस (Toxic Substance) बाहर निकलते हैं. और, शरीर कई रोगों से मुक्त होता है. शरीर से निकलने वाले पसीने को ही स्वेद कहते हैं. आयुर्वेद (Ayurveda) की इस थेरेपी में भी पसीने को ही शरीर से बाहर निकाला जाता है. इससे शरीर में हो रही जकड़न और भारीपन दूर होता है.

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स्वेदन क्या है? | What Is Swedana

स्पा या पार्लर में इन दिनों स्टीम थेरेपी काफी प्रचलन में है. स्वेदन भी स्टीम थेरेपी की तरह ही है. हालांकि स्टीम थेरेपी से काफी अलग तरीके से शरीर को ट्रीट कर पसीना निकाला जाता है. स्वेदन कर्म करने से पहले रोगी का पूरा परीक्षण होता है.  रोगी के शरीर की स्ट्रेंथ के आधार पर उसका स्वेदन कर्म किया जाता है.

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स्वेदन कर्म पांच अलग अलग तरीके से होता है. जिसमें संकर स्वेद, पत्थर स्वेद, नाड़ी स्वेद, परिषेक स्वेद, अवगाह स्वेद और वाष्प स्वेद शामिल है. वाष्प स्वेद काफी कुछ आधुनिक स्टीम बाथ की तरह है. उसके अलावा स्वेदन के सभी प्रकार की तकनीक अलग अलग है. अलग अलग तेल और लेप लगाकर स्वेदन की प्रोसेस को पूरा किया जाता है. तेल और लेप के बाद पसीना निकालने की तकनीक भी अलग ही होती हैं.

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स्वेदन के फायदे (Benefits Of Swedana)

  • शरीर में कहीं दर्द हो या कोई अंग एकड़ रहा हो, तो उसके लिए स्वेदन कर्म करवाया जा सकता है.
  • स्वेदन करवाने से शरीर के भीतर मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं. 
  • मसल्स की जकड़न खत्म होती है और शरीर में लचीलापन आता है.
  • जिन्हें कम भूख लगती है स्वेदन से उन्हें सामान्य भूख लगने लगती है.
  • शरीर में आ रहे अलग अलग किस्म के विकार दूर होते हैं.
  • शरीर के ज्वाइंट्स ठीक होते हैं.
  • जो लोग अक्सर सुस्ती महसूस करते हैं, उनमें भी स्वेदन से चुस्ती आती है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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